बिहार

स्वर्गीय कमल किशोर की 20वीं पुण्यतिथि समारोह आयोजित

Jantaserishta Admin 4
10 Dec 2023 10:55 AM GMT
स्वर्गीय कमल किशोर की 20वीं पुण्यतिथि समारोह आयोजित
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लखीसराय। जिला मुख्यालय स्थित कवैया रोड कमल कुमार पथ में क्रांति प्रिंटिंग प्रेस प्रांगण में स्वर्गीय कमल किशोर की 20वीं पुण्यतिथि जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के संगठन मंत्री सह नवलकंड के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। मंच संचालन जिले के पर्यावरण विद् एवं कवि दशरथ प्रसाद महतो ने किया। सर्वप्रथम स्वर्गीय कमल कुमार के चित्र पर सभी आगंतुक अतिथियां के द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में अनेक पत्रकार ,साहित्यकार एवं समाजसेवी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए। सभी लोगों ने स्वर्गीय कमल कुमार के प्रति अपने-अपने वक्तव्य एवं उद्गार प्रकट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किए । इस दौरान कईयों ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की भी सराहना की। इस अवसर पर अमरजीत प्रजापति ने कहा कि वह जननायक थे ।उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला। अगर वह आज जीवित होते तो लखीसराय की एक हस्ती होते।

इस दौरान शिक्षक सुबोध कुमार के द्वारा कविता पाठ किया गया- सहजता की साहस है ममता की मूरत है। प्रभारी प्रधानाध्यापक राम टहल पासवान ने कहा कि स्वर्गीय कमल कुमार समाज की कुरीतियों पर आघात करते रहे और सामाजिक समरसता स्थापित करने की भरपूर कोशिश की। कहीं भी अप्रिय घटना घटने पर वहां हाजिर रहते थे ।वार्ड कमिश्नर मदन कुमार ने उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की और घोषणा किया कि कमल कुमार के नाम से एक पुस्तकालय बनाया जाएगा और इस पथ का नामकरण नगर पालिका के द्वारा कमल कुमार पथ रखा जाएगा। भोला पंडित की कविता वो खुदा अजब है तेरी खुदाई आज मिलन है तो कल है जुदाई , से दर्शकों का मन मोह लिया। मुंद्रिका सिंह की कविता मत कर धनिया भाई के हिसकी, उ चपरासी है सरकारी गे, हम किसान के खस्ता हालत हय रोटियां पर भी लाचारी गे। रामबालक सिंह की कविता कैसन भेल समाज हो भैया कैसन भेल समाज ।बेटा बेच फुलावे छाती कैसन भेल समाज। राजेश्वरी प्रसाद सिंह की कविता हमने जब भी बेपनाहों से दोस्ती की है, खुद जल के उसके घर रोशनी की है ।डॉक्टर लक्ष्मी प्रसाद सिंह ने कमल कुमार के जीवन पर काफी चर्चा की एवं कहा कि लखीसराय टाइम्स पत्रिका उन्हीं की देन है जो आजभी प्रकाशित हो रही है ।रोहित कुमार ने कहा कि कमल कुमार उनके चाचा थे और वे जब तक जीवित रहे हर समय उन्ही के साथ रहे।दया शंकर सिंह बेधड़क की कविता झूठ कितना व्यग्र है सच को चबाने को, सच कितना व्याकुल है जान बचाने को। दशरथ प्रसाद महतो की कविता कौन सा कमिशन कौन खाया , हर जगह अंधेरा पसारा जा रहा है। अध्यक्षता कर रहे अरविंद कुमार भारती ने बताया कि कमल पथ के सौंदर्यीकरण हेतु नगर पालिका से संपर्क किया जाएगा और कमल कुमार पुस्तकालय का भी काम आगे बढ़ाया जाएगा तथा नवल कंठ पत्रिका के अगले अंक में उनकी जीवनी प्रकाशित की जाएगी। धन्यवाद ज्ञापन स्वर्गीय कमल कुमार के भाई सीताराम कुमार ने किया। उन्होंने बताया की इसी घर से आज अनेक युवा साहित्यकार, समाजसेवी पैदा हुए हैं जो आज भी नगर पालिका क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं।

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