जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शांति और विकास में शिक्षा के महत्व को परिभाषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) ने साल 2018 में हर वर्ष 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव अपनाया था. संयुक्त राष्ट्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक गरीबी है. तीसरी दुनिया के कई देशों में गरीबी और अशिक्षा का आंकड़ा बिल्कुल एक जैसा है. जिससे पता चलता है कि अशिक्षा का एक बड़ा कारण गरीबी है. संयुक्त राष्ट्र गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का ध्यान इस पर भी है कि गरीबी का शिक्षा पर असर कम से कम पड़े. इस इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन 2022 के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने एक खास मैसेज दिया है.Also Read - UPTET: CM योगी ने दिए एग्जाम अथॉरिटी को निर्देश, 23 जनवरी को ही होगी यूपीटीईटी परीक्षा