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2010 ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन हादसा, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 11 माओवादियों को जमानत दी
jantaserishta.com
1 March 2023 5:22 AM GMT
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कोलकाता (आईएएनएस)| कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 2010 के जनेश्वरी एक्सप्रेस हादसे में 11 माओवादियों को जमानत दे दी, जिसमें 148 लोग मारे गए थे और 180 घायल हो गए थे। 11 अभियुक्तों को उनकी गिरफ्तारी के लगभग एक दशक से अधिक समय बिताने के बाद जमानत दे दी गई, जबकि इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच अभी पूरी होनी बाकी है।
न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने 11 आरोपी माओवादियों की जमानत मंजूर करते हुए सवाल किया कि क्या जांच एजेंसी को आरोपियों के मौलिक अधिकारों की जानकारी नहीं है। पीठ के अनुसार, यह कानूनी औपचारिकताओं के लिए शर्म की बात है और यहां तक कि घटना के 13 साल बाद भी गवाहों को जोड़ने की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है।
न्यायमूर्ति बसाक ने कहा- यह मत भूलो कि आरोपी व्यक्तियों के भी मौलिक अधिकार हैं। उन्हें बिना मुकदमे के सालों तक सलाखों के पीछे बंद नहीं किया जा सकता है। उन सभी ने सलाखों के पीछे 10 साल से अधिक समय बिताया है और मुकदमे की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। जिन 11 आरोपियों को मंगलवार को जमानत दी गई, उनमें खगेन महतो, भोलानाथ महतो, जलधर महतो, राम मुडी, माणिक महतो, अमियो महतो, जयदेब महतो, मोहंतो महतो, लक्ष्मीकांतो रॉय, सुनील महतो और मनोज महतो शामिल हैं।
जनेश्वरी एक्सप्रेस 2010 में पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के झारग्राम के पास पटरी से उतर गई थी, जिसके बाद 148 लोग मारे गए थे और 180 घायल हो गए थे। जांच में पता चला कि ट्रेन पटरी से इसलिए उतर गई क्योंकि कुछ बदमाशों ने फिशप्लेट हटा दी। घटना उस समय हुई जब माओवादी इलाके में लगातार धरना दे रहे थे। सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।
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