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2008 बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट केस: अब्दुल नजीर मदनी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ट्रांसफर की याचिका

Deepa Sahu
1 Oct 2021 4:01 PM GMT
2008 बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट केस: अब्दुल नजीर मदनी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ट्रांसफर की याचिका
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साल 2008 के बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल नजीर मदनी की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.

साल 2008 के बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट मामले (Bengaluru serial blasts case 2008) में मुख्य आरोपी अब्दुल नजीर मदनी की याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है. दरअसल मदनी ने बेंगलुरु से केरल ट्रांसफर करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने इस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया.

मदनी की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि मदनी को बेंगलुरु में निगरानी में रहने के बजाय उनके गृह राज्य केरल में ट्रांसफर किया जाना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल नजीर मदनी केरल के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें खतरनाक आदमी बताया था. कोर्ट ने अप्रैल में मदनी की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बात कही थी. मदनी ने केरल जाने देने और मामले की सुनवाई पूरी होने तक वहीं रहने की इजाजत मांगी थी.
बेंगलुरु में 2008 में हुए थे सिलसिलेवार बम धमाके
बेंगलुरु में जुलाई 2008 में सिलसिलेवार बम धमाके की घटना को अंजाम दिया गया, जिसमें कम तीव्रता वाले सात बम विस्फोट हुए. शहर की पुलिस ने 32 आरोपियों की पहचान की थी, जिनमें से 22 को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान के अजमेर की एक विशेष टाडा कोर्ट (TADA Court) को निर्देश दिया था कि वह 1993 में कई राजधानी एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनों में सिलसिलेवार विस्फोटों के आरोपी के खिलाफ तीन महीने के भीतर आरोप तय करे. आरोपी 11 साल से जेल की सजा काट रहा है. शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से साल 2010 में गिरफ्तार किए गए हमीर उई उद्दीन की जमानत याचिका को लंबित रखा और कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय होने के बाद इस पर विचार किया जाएगा.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने सीबीआई से कहा कि वह मामले में आरोप तय करने के लिए गाजियाबाद जेल में बंद सह-आरोपी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को विशेष अदालत के सामने पेश करने में मदद करे और मामले में सुनवाई शुरू करना सुनिश्चित करे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को सूचीबद्ध की है.
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