कोरोना वायरस की एक दवा तीन महामारियों से सुरक्षा देगी। 200 वैज्ञानिकों द्वारा किए शोधों के आधार पर यह दावा किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 से पहले दुनिया में फैल चुकी दो महामारी सार्स और मार्स के वायरसों की प्रकृति भी लगभग मिलती-जुलती है। ये तीनों वायरस अपने स्पाइक प्रोटीन के जरिए इंसानी कोशिकाओं पर हमला करके उस पर कब्जा कर लेते हैं इसलिए वैज्ञानिक जो दवाएं अथवा उपचार ईजाद कर रहे हैं, वे तीनों महामारियों पर कारगर होंगे। गौरतलब है कि अभी तक सार्स और मार्स कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं बन सकी है।
इस अध्ययन के परिणाम के मायने इसलिए बहुत अहम हैं क्योंकि यह बेहद विस्तृत अध्ययन है। 6 देशों में स्थित 14 अग्रणी अनुसंधान संस्थानों के 200 वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन अमेरिका के 7.4 लाख मरीजों के डाटा विश्लेषण के जरिए किया है। वैज्ञानिकों ने देखा कि इन मरीजों को कौन सी दवाएं दी गईं और इससे संक्रमण में क्या सुधार हुआ। इस आधार पर उन्होंने महत्वपूर्ण आणविक तंत्र और संभावित दवा का पता लगाया है।
शोध से पता लगा कि साल कोविड-19 के वायरस, 2002 में फैले सार्स महामारी के वायरस और 2012 में फैली मार्स महामारी के वायरस के वे प्रटीन और सेलुलर प्रक्रियाएं एकसमान हैं जो इंसानी कोशिकाओं पर हमला करती हैं। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने इन वायरसों की एकसमान कमजोरियों की पहचान कर ली है, जिसको टारगेट करके दी गई एंटी-वायरस थेरेपी से इन वायरसों को नष्ट किया जा सकेगा।
साइंस जर्नल में प्रकाशित इस शोध के परिणाम के आधार पर शोधकर्ता अब ऐसी यूनिवर्सल दवा बनाने की दिशा में काम करेंगे जो सिर्फ इन तीन महामारियों के वायरस ही नहीं बल्कि भविष्य में फैल सकने वाले सभी कोरोना वायरसों पर असर करेगी।