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अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से मारपीट करने के आरोप में 2 लोग गिरफ्तार, देरी से पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
Deepa Sahu
4 Jun 2021 6:30 PM GMT
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अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से मारपीट करने के आरोप में 2 लोग गिरफ्तार
असम के हैलाकांडी सिविल अस्पताल में पिछले हफ्ते मरीज की मौत के बाद एक डॉक्टर के साथ मारपीट करने के आरोप में एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. हालाकि आरोपी महिल के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे पुलिस स्टेशन के एक कमरे में क्वारंटीन किया गया है. पुलिस अधिकारी प्रणब कुमार सैकिया ने कहा कि शुक्रवार की सुबह आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए रंपी मालाकार और हिमांगशु मालाकार उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने डॉ. गौरव भट्टाचार्जी के साथ मारपीट की. दरअसल, 27 मई को कोरोना मरीज की भर्ती होने के कुछ ही मिनटों के भीतर मौत हो गई थी.
डॉ. गौरव भट्टाचार्जी ने कहा, 'मरीज को सांस लेने में गंभीर समस्या थी. अस्पताल पहुंचने के कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई. हम इलाज भी शुरू नहीं कर सके. मरीज को मृत घोषित करना उसका काम था, लेकिन कुछ लोग मुझ पर चिल्लाने लगे और परिवार के कुछ सदस्यों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया. मुझे मेरे साथियों ने तो बचा लिया, लेकिन पुलिस ने दोषियों के खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की. केवल मैं ही नहीं, मेरे साथी भी अस्पतालों में जाने से डरते हैं क्योंकि हम किसी भी समय इस तरह के हमलों का सामना कर सकते हैं.
सुरक्षा व्यवस्था को किया जाएगा अपग्रेडः SP
हैलाकांडी के पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी वादा किया कि जिले के हेल्थ केयर देखभाल केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था को अपग्रेड किया जाएगा. घटना और गिरफ्तारी के बीच सप्ताह भर के अंतराल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पुलिस को डॉक्टर भट्टाचार्जी की मां से शिकायत मिली थी. लेकिन समस्या यह थी कि भट्टाचार्जी दोषियों की पहचान नहीं कर सके. वह शुरू में शिकायत दर्ज कराने से भी हिचकिचा रहा थे और घटना के एक दिन बाद वे लोग थाने आए. अब आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और हम जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के अंदर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं.
बेटे को ड्यूटी पर भेजने से लगता है डरः परिजन
डॉ. गौरव भट्टाचार्जी के परिवार का कहना है, 'इस महामारी में डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि लोग इसे समझने की कोशिश नहीं करते हैं. जिस तरह से प्रशासन और पुलिस मामले से निपट रहे हैं, उससे हम खुश और संतुष्ट नहीं हैं. मेरे बेटे के साथ मारपीट के बाद हमने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. मैंने पुलिस से अनुरोध किया कि मेरे बेटे और अन्य डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें जब वे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में काम करते हैं, लेकिन थाने से ज्यादा दूर न रहने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने में सात दिन लग गए. मुझे अब भी अपने बेटे को ड्यूटी पर भेजने से डर लगता है.'
अस्पताल में और सुक्षा की जरूरत
हैलाकांडी सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुदीप चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें कर्मचारियों के लिए बेहतर सुरक्षा की जरूरत है. वह अपने अस्पताल के अंदर और अधिक सुरक्षा व्यवस्था चाहते हैं ताकि डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स काम करते समय सुरक्षित महसूस करें. वह सिविल अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी योजना बना रहे हैं.
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