IIM के 183 छात्रों और शिक्षकों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को लेकर उठाया सवाल
बेंगलुरु और अहमदाबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) के 183 छात्रों और शिक्षकों ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है. इसमे छात्रों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ बयानबाजी और हमलों को लेकर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया है. इसमें देश भर में हेट स्पीच और धर्म व जाति आधारित हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई है. प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए इस पत्र में 183 लोगों के हस्ताक्षर हैं. इन 183 हस्ताक्षरकर्ताओं में से 178 आईआईएम बेंगलुरु से हैं और पांच आईआईएम अहमदाबाद से हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में लिखा है, 'हमारे देश में बढ़ती असहिष्णुता पर माननीय प्रधान मंत्री की चुप्पी हम सभी के लिए निराशाजनक है, जो हमारे देश के बहुसांस्कृतिक ताने-बाने को महत्व देते हैं. आपकी चुप्पी, नफरत भरी आवाजों को बल देती है और हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है.
इस पत्र में आगे लिखा है, 'माननीय प्रधान मंत्री हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप विभाजित करने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहें. हम आपके नेतृत्व से चाहते हैं कि वह लोग हमारे दिमाग और दिलों से दूर रहे, जो एक राष्ट्र के रूप में हमारे लोगों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं. हम मानते हैं कि एक समाज रचनात्मकता, नवाचार और विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकता है या अपने भीतर विभाजन भी पैदा कर सकता है. हम एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं जो विश्व में समावेशिता और विविधता के उदाहरण के रूप में खड़ा हो.'
पत्र में दक्षिणी बेंगलरु के सांसद तेजस्वी सूर्य के विवादास्पद भाषण का जिक्र किया गया है. उन्होंने हाल ही में मुसलमानों और ईसाइयों का धर्म परवर्तन कराने के लिए हिन्दुओं को भड़काने वाला बयान दिया था. इसके अलावा देशभर में अल्पसंख्यकों पर हालिया हमलों और हरिद्वार में धर्म संसद में हुए नफरती भाषणबाजी पर भी चिंता जताई गई है. इसमें कहा गया है, 'हमारा संविधान हमें बिना किसी डर और शर्म के अपने धर्म को सम्मान के साथ निभाने का अधिकार देता है. हमारे देश में अब डर की भावना है. हाल के दिनों में चर्चों सहित पूजा स्थलों में तोड़फोड़ की जा रही है, और हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों के खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान किया गया है.