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अस्पताल के सामने से 18 दिन की नवजात का अपहरण, स्टाफ नर्स निकली गिरोह की सरगना

Nilmani Pal
23 April 2022 12:57 AM GMT
अस्पताल के सामने से 18 दिन की नवजात का अपहरण, स्टाफ नर्स निकली गिरोह की सरगना
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अलीगढ़ के गांधी पार्क थाना क्षेत्र के छर्रा अड्डा पुल के पास स्थित एक निजी अस्पताल के सामने से शुक्रवार को बच्चों का अपहरण कर बेचने वाले गिरोह ने 18 दिन की नवजात का अपहरण कर लिया। परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी तो महज आठ घंटे में गिरोह की सरगना सहित छह सदस्यों को दबोच लिया गया। उनके पास से अपहरण की गई 18 दिन की बच्ची सहित एक साल का एक अन्य बालक भी बरामद किया।

गिरोह की सरगना जिला अस्पताल की एक स्टाफ नर्स निकली जबकि उसका लगभग पूरा परिवार गिरोह में शामिल है। एसपी सिटी कुलदीप सिंह ने पुलिस लाइन में बताया कि नगीना पत्नी इरशाद निवासी बसई काजी, सासनी, हाथरस को तीन अप्रैल को एक बच्ची पैदा हुई थी। उसके गांव की ही ऊषा पत्नी रामपाल, जो कि हाल में अलीगढ़ में रहती है ने नगीना को बताया कि पुत्री होने पर सरकार एक लाख रुपये देती है। इस योजना का लाभ वह अपनी परिचित स्टाफ नर्स के द्वारा दिला देगी।
पुलिस के मुताबिक नगीना का ऊषा ने नेहा नाम की महिला से मोबाइल पर संपर्क कराया। शुक्रवार को नेहा ने नगीना को अलीगढ़ बुला लिया। नगीना अपनी जेठानी हुस्नबानो संग बच्ची को लेकर अलीगढ़ आ गई। यहां नेहा से उसकी मलखान सिंह जिला अस्पताल में मुलाकात हुई। नेहा ने उसको बताया कि बच्ची घर पर पैदा हुई है। इसके जन्म संबंधी प्रमाण पत्र व कुछ चेकअप होने हैं। इसके लिए प्राइवेट अस्पताल चलना होगा।
नगीना और उसकी जेठानी नेहा की बातों पर विश्वास कर उसके साथ हीरालाल अस्पताल, छर्रा अड्डा पुल, गांधी पार्क चली गई। वहां स्टाफ नर्स नेहा की सास विमला देवी पहले से मौजूद थी। नेहा, नगीना को अल्ट्रासाउंड कराने के बहाने अंदर ले गई। 18 दिन की उसकी बच्ची को अपनी सास विमला देवी को दिलवा दिया। पुलिस के मुताबिक नगीना जब अल्ट्रासाउंड कराने के बाद वापस बाहर आई तो स्टाफ नर्स की सास विमला देवी बच्ची को लेकर जा चुकी थी।
काफी देर तक नगीना को नेहा टरकाती रही। इस पर नगीना ने अपने घर पर सूचना दे दी। अन्य परिवारीजन अलीगढ़ आ गए। जब सबने मिलकर नेहा से बातचीत की तो नेहा ने बच्ची देने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही अपना फोन बंद कर चली गई। नगीना और उसका परिवार दिनभर उसकी तलाश करता रहा। जब उनको कुछ हाथ नहीं लगा तो गांधी पार्क थाने पहुंचकर रात करीब नौ बजे शिकायत दर्ज कराई
मामला एसएसपी कलानिधि नैथानी के संज्ञान में आया तो उन्होंने एसपी सिटी कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी। टीम ने हीरालाल अस्पताल व रास्ते मे लगे सीसीटीवी फुटेज एवं सर्विलांस के माध्यम से प्राप्त मोबाइल लोकेशन के आधार पर ऊषा पत्नी रामपाल निवासी बसई काजी, सासनी, हाथरस, नेहा पत्नी विष्णु निवासी गोविंद नगर, क्वार्सी, विमला देवी पत्नी वेदप्रकाश निवासी गोविंद नगर, क्वार्सी को सर्वोदय नगर, ग्रीन पार्क, मकान नंबर ए-16, थाना महुआखेड़ा से गिरफ्तार कर लिया।
इनकी निशानदेही पर रेनू पत्नी सुरेश निवासी मिथिलापुरी, महुआखेड़ा को गिरफ्तार किया। साथ ही उसके घर से 18 दिन की बच्ची को बरामद किया। वहां से जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स व इस गिरोह की मुख्य सरगना के पति विष्णु पुत्र वेदप्रकाश निवासी गोविंद नगर थाना क्वार्सी, देवर अभिषेक को भी गिरफ्तार किया गया।
बेचने की थी तैयारी
पुलिस पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने कबूल किया कि वह बच्ची को एक निसंतान दंपत्ति को बेचने की तैयारी में थे। हालांकि अभी इसका सौदा तय नहीं हुआ था। बच्ची को इसी फिराक में रेनू के घर में छिपाया गया था।
एक साल का बच्चा किसका, तफ्तीश में जुटी पुलिस
गिरफ्तार किए गए शातिर बच्चा अपहरणकर्ता गिरोह के कब्जे से पुलिस ने एक साल के एक बालक को भी बरामद किया है। एसपी सिटी ने बताया कि बालक के संबंध में एक एग्रीमेंट मिला है, जिसमें उल्लेख है कि उसे गोद लिया गया है। लेकिन बालक किसका है और क्यों और किसको गोद दिया है। इसका उल्लेख नहीं है। जब गिरोह से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि बच्चा झारखंड के एक परिवार का है। पुलिस को शक है कि इसको भी गिरोह द्वारा अपहरण कर लाया गया है। इस संबंध में तफ्तीश जारी है।
सीडब्ल्यूसी के माध्यम से सौंपी जाएगी बच्ची
पुलिस ने 18 दिन की बच्ची को बरामद कर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया। कमेटी के सदस्यों की ओर से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बच्ची को फिर से परिवार को सौंपा जाएगा। इसके साथ ही जो दूसरा बालक वहां से बरामद किया गया है, उसे भी कमेटी को भी सौंपा गया है।
जिला अस्पताल से जुटाई जा रही जानकारी
पुलिस को गिरोह सरगना नेहा के संबंध में शक है कि वह जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के तौर पर तैनात थी। हालांकि वह निजी तौर पर ही थी। अंदेशा है कि उसने वहां भी ऐसा ही किया होगा। इसके लिए उसका पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
पूरा परिवार पैसों के लालच में बन गया शातिर
गिरोह में शामिल नेहा, उसकी सास विमला, पति विष्णु और देवर अभिषेक को देख पुलिस भी हैरान रह गई। पहले तो पुलिस इनके रिश्ते को संदिग्ध मानने लगी लेकिन बाद में पुष्टि हो गई। पुलिस ने जब पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि पैसों के लालच में परिवार ने इस अपराध को अंजाम दिया। उनका मुख्य टारगेट गरीब परिवार के बच्चे होते हैं। यह परिवार कड़ी पैरवी नहीं कर पाते हैं। जिस नगीना की बच्ची का अपहरण किया, उसका पति भी ईंट भट्टा पर मजदूरी करता है।
एसएसपी ने टीम को किया 25 हजार रुपये इनाम देने का ऐलान
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि गिरोह को दबोचने वाली टीम के सरहनीय कार्य को देखते हुए इसे 25 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। टीम ने सरहानीय कार्य किया है। चंद घंटों में ही घटना का खुलासा कर दिया है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम
प्रभारी निरीक्षक बंशीधर पांडेय, इंस्पेक्टर यशपाल सिंह, संदीप वर्मा, हेडकांस्टेबल विजय कुमार सरोज, कांस्टेबल विष्णु कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, समीर यादव, आशीष कुमार, टिंकी चौधरी, पूनम चाहर, संतोष चाहर, पलक शामिल रहीं।
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