यूपी। 16 साल के अदनान के हौसले को सलाम है। आग की लपटों के बीच घिरे बच्चों को बचाने के लिए अदनान ने जान की बाजी लगा दी। अदनान अपने पिता के कारखाने पर कार निकालने के लिए पहुंचा था। कारखाने के बराबर में उसकी नजर झुग्गी बस्ती में आग के बीच फंसे दो बच्चों पर पड़ी। उनकी मां पास ही मदद के लिए चिल्ला रही थी। अदनान ने अपनी कार छोड़ दी और आग के बीच कूदकर दोनों बच्चों को बचा लिया।
न्यू इस्लामनगर निवासी मोहम्मद आरिफ का हापुड़ रोड पीएसी वाहिनी के सामने आरिफ बस बॉडी मेकर नाम से कारखाना है। यहां नई बसों को तैयार किया जाता है। रविवार दोपहर जब यहां बसों में आग लगी तो मोहम्मद आरिफ ने बेटे अदनान को मौके पर भेजा। अदनान 16 साल का है और शास्त्रीनगर स्थित विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा 10 का छात्र है। अदनान को उसके पिता ने कार की चाबी देकर इसे बाहर निकालने के लिए कहा था। अदनान जिस समय बाइक से मौके पर पहुंचा तो वहां चारों ओर आग फैल चुकी थी। झुग्गी बस्ती तक आग कहर बरपा रही थी। अदनान को एक महिला और बच्चों के चीखने की आवाज सुनाई दी। कारखाने के बराबर में पीछे की ओर झुग्गियों के बीच कुछ बच्चे आग में फंसे थे। बच्चों की मां दो बच्चों को निकाल कर बाहर आ चुकी थी, लेकिन अब अंदर जाने का रास्ता नहीं बचा था। बाकी दोनों बच्चे आग में फंसे थे। अदनान ने बच्चों को बचाने की ठान ली और चेहरे पर कपड़ा बांधकर लपटों के बीच कूद पड़ा। बच्चों को वहां से निकाल कर सकुशल अदनान ने बाहर पहुंचाया।
अदनान ने जिस समय बच्चों को निकाला, वहां इक्का-दुक्का लोग ही थे। अदनान ने सही समय पर बच्चों को नहीं बचाया होता तो बड़ी घटना हो सकती थी। अदनान बच्चों को बाहर निकाल कर लाया तो बच्चों को उनकी मां ने सीने से लगा लिया। हालांकि इस दौरान आग ने अदनान के कारखाने को चपेट में ले लिया। लोगों ने अदनान की बहादुरी की तारीफ की।
अदनान के पिता मोहम्मद आरिफ ने बताया कि उनके पास चार बसें बनने के लिए आई थी। बसों का तकरीबन पूरा काम हो चुका था और इन्हें डिलीवरी के लिए देना था। आग में बसें पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। मोहम्मद आरिफ ने बताया कि उनका करीब 2.50 करोड़ का नुकसान हुआ है।