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सोशल मीडिया का नशा किस कदर किशोरों में सिर चढ़कर बोल रहा है
कोटा. सोशल मीडिया का नशा किस कदर किशोरों में सिर चढ़कर बोल रहा है इसकी बानगी कोचिंग सिटी कोटा में देखने को मिली है. कोटा की 15 साल की छात्रा फेसबुक फ्रेंड (Facebook friend) से मिलने के लिये मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर पहुंच गई. नाबालिग के लापता होने पर उसके परिजनों ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी. उसके बाद पुलिस ने लड़की को ट्रैक करते हुये उसे ग्वालियर में ढूंढ निकाला. कोटा पुलिस नाबालिग को ग्वालियर से वापस कोटा ले आई है. बालिका के पास बस की टिकट के रुपये नहीं थे. लिहाजा उसने अपने दोस्त से ऑनलाइन पेमेंट करवाकर टिकट खरीदा था.
पुलिस के अनुसार फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिये ग्वालियर गई 15 की यह लड़की शहर के रेलवे कॉलोनी पुलिस थाना इलाके में रहती है. बालिका की फेसबुक पर ग्वालियर के एक लड़के से दोस्ती हो गई. फेसबुक पर दोनों की बातचीत होती थी. उसके बाद नाबालिग लड़के से मिलने के लिये ग्वालियर पहुंच गई. लड़की के लापता होने पर परिजनों ने उसकी तलाश की लेकिन वह नहीं मिली. इस पर उन्होंने उसकी गुमशुदगी दर्ज करायी.
बाल कल्याण समिति ने बालिका को नांता गृह भेजा
उसके बाद पुलिस ने लड़की की तलाश शुरू की. लड़की के बारे में पूरी जानकारी जुटाने के बाद पुलिस को उसके ग्वालियर होने का पता चला. इस पर पुलिस ग्वालियर पहुंची और उसे वहां से बरामद कर लिया. पुलिस बालिका को कोटा ले आई है. उसके बाद उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया. बाल कल्याण समिति ने बालिका को नांता गृह में अस्थाई आश्रय दिलाया है. वहां उसकी काउंसलिंग की जा रही है.
दोस्त से ऑनलाइन पमेंट करवाकर बस का टिकट खरीदा
पुलिस की जांच में सामने आया कि बालिका स्कूल जाने के नाम से घर से निकली थी और बस स्टैंड पहुंच गई. बस की टिकट के रुपये नहीं होने के कारण उसने अपने दोस्त से ऑनलाइन पमेंट करवा कर टिकट खरीदा. बालिका रातभर बस से सफर कर सुबह ग्वालियर पहुंची. वहां पर उसका फेसबुक फ्रेंड उसे अपने घर ले गया और परिवार के साथ रखा. इस बीच रेलवे कॉलोनी पुलिस ने तकनीकी आधार पर पता लगाया तो सामने आया कि बालिका ग्वालियर में है. इस पर वह ग्वालियर पहुंच गई.
दिलो दिमाग पर छाया हुआ है सोशल मीडिया का खुमार
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में युवा पीढ़ी के दिलो दिमाग पर सोशल मीडिया का खुमार छाया हुआ है. अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. वे इसके जरिये कई लोगों के सपंर्क में रहते हैं. सेल्फी अपलोड करने से लेकर अपनी प्रत्येक गतिविधि को सोशल मीडिया में शेयर करना उसका शौक बन चुका है. परिजनों की लाख निगरानी के बावजूद किशोर किशोरियां शौक-शौक में कई बार कहीं ना कहीं गलत कदम उठा लेते हैं. लेकिन वे उसके परिणामों को नहीं जानते हैं. कई बार जानते बूझते हुये भी उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं.
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