15 मिनट का समय, 100 अफसरों को ग्रीन कॉरिडोर जिम्मेदारी, बच गई मरीज की जान
गुरुग्राम gurgaon news। तेज बारिश और ट्रैफिक जाम के बीच दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल Fortis Hospital तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसमें एक दिल को पहुंचाया गया. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 13 मिनट में 18 किलोमीटर की दूरी तय की गई. करीब 100 पुलिस अधिकारियों की मदद से बुधवार को रोहतक के 34 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाने के लिए दिल को कोलकाता से गुरुग्राम 4 घंटे में पहुंचाया गया.
पीटीआई के मुताबिक पहला ग्रीन कॉरिडोर कोलकाता में पुलिस ने एक सरकारी अस्पताल से बनाया. जहां 54 वर्षीय महिला को ब्रेन डेड घोषित किया गया था, अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) से मंजूरी मिलने के बाद दिल को अस्पताल से कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया. इसके बाद दिल को इंडिगो एयरलाइंस के जरिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया.
दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस ने अस्पताल के कर्मचारियों के साथ मिलकर दूसरा ग्रीन कॉरिडोर बनाया, अस्पताल के बयान के अनुसार भारी ट्रैफिक जाम और अचानक हुई बारिश के बावजूद दिल को IGI एयरपोर्ट से गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल तक 18 किलोमीटर की दूरी तय करके मात्र 13 मिनट में पहुंचाया गया. बयान में कहा गया कि लगभग 100 पुलिस अधिकारियों की मदद और सहयोग से पूरी प्रक्रिया चार घंटे के भीतर पूरी की गई.
जब दिल अस्पताल पहुंचा तो फोर्टिस गुरुग्राम के कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी के डॉ. उदगीथ धीर के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने इसे प्रत्यारोपित किया. डॉ. धीर ने कहा कि 34 वर्षीय मरीज को गंभीर अवस्था में अस्पताल में लाया गया था, उसका दिल सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत काम कर रहा था. डॉ. धीर ने कहा कि वह पहले से ही लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD) के साथ कृत्रिम हृदय सहायता पर था और हृदय प्रत्यारोपण के लिए NOTTO की लिस्ट में रजिस्टर्ड था. हार्ट ट्रांसप्लांट को लेकर डॉ. धीर ने कहा कि इस केस में तत्काल हृदय प्रत्यारोपण आवश्यक था. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सुविधा निदेशक यश रावत ने कहा कि रोगी की हालत फिलहाल स्थिर है और हम अगले कुछ दिनों में उसे ठीक कर पाएंगे.