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रोजाना कर्ज से परेशान 14 लोग कर रहे आत्महत्या, देखें आंकड़े

Nilmani Pal
11 Feb 2022 2:13 AM GMT
रोजाना कर्ज से परेशान 14 लोग कर रहे आत्महत्या, देखें आंकड़े
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यूपी। उत्तर प्रदेश के बागपत में एक कारोबारी ने फेसबुक लाइव पर आकर आत्महत्या करने की कोशिश की. कारोबारी ने अपनी आर्थिक तंगी के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है.न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि बुधवार को कारोबारी राजीव तोमर और उनकी पत्नी ने जहर खा लिया. दोनों को नाजुक हालत में अस्पताल लाया गया. उनकी पत्नी पूनम की तो मौत हो गई है. वहीं, राजीव की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.

राजीव बागपत के सुभाष नगर में जूते की दुकान चलाते थे. उनके परिजनों का आरोप है कि 2020 में लगे लॉकडाउन की वजह से उनका कारोबार ठप हो गया था. राजीव ने कर्ज भी ले रखा था, जिसे वो कारोबार ठप होने की वजह से चुका नहीं पाए थे. ये तो एक राजीव की कहानी ही है. लेकिन राजीव अकेले नहीं हैं जो आर्थिक तंगी या कारोबार ठप होने पर ऐसा कदम उठाते हैं. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि हर दिन आर्थिक तंगी से परेशान होकर 14 लोग आत्महत्या कर लेते हैं.

केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) पर 2020 तक के आंकड़े मौजूद हैं. NCRB के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 साल में 25 हजार से ज्यादा लोगों ने कर्ज और आर्थिक तंगी से परेशान होकर अपनी जान दे दी. NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में देश में 5 हजार 213 लोगों ने कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. यानी, हर दिन 14 सुसाइड. इससे पहले 2019 में 5 हजार 908 लोगों ने सुसाइड की थी.

राज्यसभा में सरकार ने बताया है कि तीन साल में बेरोजगारी से तंग आकर भी 9 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली. 2020 में 3 हजार 548, 2019 में 2 हजार 851 और 2018 में 2 हजार 741 लोगों ने बेरोजगारी की वजह से जान दे दी. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राजीव तोमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. तोमर ने फेसबुक लाइव में आकर कहा, 'मोदी जी मेरी मौत के जिम्मेदार होंगे. अगर मोदी जी में शर्म है तो वो चीजें बदलेंगे. मैं ये नहीं कह रहा है कि उनकी सभी चीजें गलत हैं लेकिन वो छोटे कारोबारी और किसानों के हितैशी नहीं हैं.'

पत्नी पूनम ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो राजीव ने कहा 'गवर्नमेंट तो सुनती नहीं, तुम ही सुन लो.' लेकिन जब पत्नी के मना करने के बाद भी राजीव ने जहर खाया तो पूनम ने भी जहर खा लिया. नाम प्रधानमंत्री मोदी का आया तो सियासत भी शुरू हो गई. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'बागपत की घटना दुखद है. नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन ने छोटे कारोबारियों को प्रभावित किया है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मदद के लिए आगे नहीं आ रही है.'

ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि मोदी सरकार के 7 साल और मनमोहन सरकार के 7 साल में आर्थिक तंगी से तंग आकर कितने लोगों ने आत्महत्या कर ली? NCRB के आंकड़े बताते हैं कि 2007 से 2013 तक मनमोहन सरकार के 7 साल में 20 हजार 171 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं, 2014 से 2020 तक मोदी सरकार के 7 साल में 31 हजार 616 लोगों ने अपनी जान दे दी.

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