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अस्पताल को बना रही 135 साल पुरानी जेल, शिफ्ट किए जा रहे कैदी

Kunti Dhruw
4 Jun 2021 5:59 PM GMT
अस्पताल को बना रही 135 साल पुरानी जेल, शिफ्ट किए जा रहे कैदी
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हर दुश्मन की तरह कोरोना भी हमें चोट के साथ कुछ सबक भी दे गया है।

हर दुश्मन की तरह कोरोना भी हमें चोट के साथ कुछ सबक भी दे गया है। जैसे यही कि अस्पताल अन्य कई चीजों की तुलना में ज्यादा आवश्यक होते हैं। तभी तो तेलंगाना सरकार ने वारंगल के प्रसिद्ध सेंट्रल जेल को अस्पताल में बदलने का फैसला किया है। निज़ाम का बनवाया 135 साल पुरानी वारंगल की यह जेल 69 एकड़ में फैली है। यहां अब सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल बनेगा।

सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को जेल को अस्पताल में बदलने के लिए एक साल का वक्त दिया है। इस प्रक्रिया के प्रथम चरण के तहत शुक्रवार को कैदियों को इस प्राचीन जेल से दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया। यह भी दिलचस्प मंजर रहा। कैदी और विचाराधीन कैदी सुबह से ही अपने बेड, कंबल आदि वस्तुओं की पैकिंग करनी शुरू कर दी थी। बाद में सब जेल के कपड़ों (साफ-सुथरे कपड़ों) में अपनी पोटलियां लेकर बाहर आए और लाइन लगा कर अच्छे बच्चों की तरह खड़े हो गए। ऐसा लग रहा था कि मानो मुसाफिरों की भीड़ ट्रेन का इंतजार कर रही हो। ट्रेन तो नही, कैदियों के लिए बसों का इंतजाम किया गया था। बस आती और कैदी लाइन लगाकर उसमें चढ़ जाते।
पहले बैच में 119 कैदियों को शिफ्ट किया गया। इनमें 39 महिलाएं भी थीं। पुरुषों को हैदराबाद की चेर्लापल्ली जेल भेजा गया है. जबकि महिलाओं को औरतों के लिए बनाए गई खास जेल में। बसों को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ भेजा गया। इनके आगे भी सिक्योरिटी गाड़ियां थीं और पीछे भी। अफसरों ने बताया कि यह सुरक्षा जरूरी है क्योंकि जेल में सामान्य कैदियों के अलावा दुर्दांत आतंकी भी हैं। अधिकारियों का अनुमान है कि दो हफ्ते में सभी 966 कैदियों और विचाराधीन कैदियों को हटाया जा चुका होगा। जेल महानिदेशक राजीव त्रिवेदी ने बताया कि कैदियों को राज्य की अलग-अलग जेलों में भेजा जा रहा है ताकि कहीं एक जगह भीड़ न बढ़ जाए। त्रिवेदी ने कहा कि पिछले दिनों तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव इस जेल के दौरे पर आए थे। जेल देखकर उन्होंने ही यह विचार रखा कि इस बड़ी जेल को बहुत अच्छे अस्पताल में बदला जा सकता है।
त्रिवेदी ने कहा कि जेल में सजायाफ्ता कैदियों के अलावा बड़ी संख्या में विचाराधीन कैदी भी है। इनको और परिवीक्षाधीन कैदियों को शिफ्ट करने के लिए अदालत का परमीशन भी लेना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस जेल के अंदर कैदियों द्वारा चलाए जाने वाले उद्योग बड़े मशहूर रहे हैं। यहां बनने वाली दरियां और गलीचों की हमेशा बहुत मांग रही है। जेल में उद्यमों से जुड़े कई उपकरण, कैमरे मशीनरी रखी है। हम इन सब चीजों को सहेज रहे हैं और इन्हें दूसरे जेलों में ले जाकर प्रस्थापित करेंगे। जेल अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री का कहना है कि जेल सजा देने से ज्यादा सुधारने के स्थान होते हैं।
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