भारत
बारामुला में 124 साल की महिला को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज
Deepa Sahu
3 Jun 2021 9:14 AM GMT
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जम्मू-कश्मीर के बारामुला से आज एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है.
बारामुला: जम्मू-कश्मीर के बारामुला से आज एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. उत्तरी कश्मीर के बारामुला में टीकाकरण अभियान के तहत 124 साल की महिला को वैक्सीन की पहली डोज दी है. महिला की उम्र सुनकर सभी हैरत में पड़ गए हैं. इस बात की जानकारी बारामुल्ला के डिप्टी कमिश्नर ने ट्वीट करके दी है. बारामुला में लोगो को वैक्सीन लगाने के लिए प्रशासन घर घर जाकर वैक्सीन लगा रहा है. इसी दौरान स्वस्थ कर्मियों ने बारामुला के वागूरा में एक 124 साल की महिला को वैक्सीन लगाई. राहती बेगम नाम की इस महिला को कल वैक्सीन लगी थी.
राशन कार्ड के मुताबिक महिला की उम्र 124 साल
टीकाकरण कार्यक्रम की अगवाई कर रहे अधिकारियों के मुताबिक महिला के पास नो तो आधार था, न इलेक्शन कार्ड और ना ही कोई पहचान पत्र, लेकिन महिला के परिवार के पास राशन कार्ड है, जो आज़ादी से पहले का है. इसी राशन कार्ड के मुताबिक महिला की उम्र 124 साल है. अधिकारियो के अनुसार घर घर वैक्सीनेशन का कारिक्रम सिर्फ 18-44 साल की उम्र के लोगों के लिए है, लेकिन जब महिला के परिवार ने यह आग्रह किया कि उनकी बड़ी दादी 100 साल से ज़ायदा उम्र की हैं और कमज़ोरी के चलते कही आ जा नहीं सकती तो कर्मचारियों ने महिला को वैक्सीन लगाने का फैसला लिया.
124 years old woman, Rehtee Begum gets her first dose of #CovidVaccine at kral mohalla Baramulla during door to door campaigning.#LargestVaccineDrive #JandKFightsCorona pic.twitter.com/v6YpN3ykcp
— DIPR-J&K (@diprjk) June 2, 2021
राशन कार्ड के मुताबिक 1897 में हुआ जन्म
बताया जा रहा है कि महिला ना चल नहीं सकती और कमज़ोरी और ज़ायदा उम्र के चलते साफ़ साफ़ बोल भी नहीं सकती. अगर यह बात सच है कि रहती बेगम की उम्र 124 साल है तो वह दुनिया की सब से ज़ायदा उम्र की महिला का रिकॉर्ड अपने नाम कर सकती हैं. अगर रहती बेगम की उम्र को सच्चा माना जाए तो उनका जन्म 1897 में हुआ होगा. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, जापान के रहने वाले Kane Tanaka (Japan, born 2 January 1903) दुनिया में सबसे ज़ायदा उम्र के जिंदा इंसान है. ऐसे में यह भी मुमकिन है कि रहती बेगम ने साल 1919 के स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu) को भी देखा है, जिसने कश्मीर में भी 15 हज़ार से ज़ायदा लोगों की जाना ली थी.
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