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1200 बेड्स फुल: अस्पताल के कैंपस में एम्बुलेंस में मरीज की लगी लाइन, खतरनाक लहर से मचा हाहाकार

jantaserishta.com
13 April 2021 5:32 AM GMT
1200 बेड्स फुल: अस्पताल के कैंपस में एम्बुलेंस में मरीज की लगी लाइन, खतरनाक लहर से मचा हाहाकार
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देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इसका असर अब अस्पतालों पर पड़ने लगा है और मरीज़ों को बेड्स के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है. गुजरात के अहमदाबाद की तस्वीर भी कुछ अलग नहीं है, यहां अब अस्पताल में भर्ती होने के लिए लंबी वेटिंग चल रही है.

गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के कैंपस में एम्बुलेंस कतारों के साथ खड़ी हैं, इनमें मरीज़ लेटे हुए हैं और अंदर बेड्स खाली होने का इंतजार कर रहे हैं.
अहमदाबाद के इस सबसे बड़े कोविड अस्पताल में 1200 बेड्स फुल हो चुके हैं, जिसके कारण मरीजों को बाहर रोका गया है. ऐसे में एम्बुलेंस में ही मरीज़ों को ऑक्सीज़न दिया जा रहा है.
गौरतलब है कि गुजरात में इस वक्त कोरोना की खतरनाक लहर चल रही है. बीते दिन भी राज्य में 6021 कोरोना के नए केस दर्ज किए गए थे, जबकि 55 लोगों की मौत हुई थी. अहमदाबाद के अलावा सूरत, राजकोट जैसे शहरों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों में मरीज़ों की भीड़ भी बढ़ रही है.
हालात बेकाबू होते देख बीते दिन ही गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य की विजय रुपाणी सरकार को फटकार भी लगाई. दरअसल, गुजरात में रेमडेसिविर के इंजेक्शन की भारी कमी हो गई है, जिसपर दावा किया जाता है कि ये कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित होता है. ऐसे में हाईकोर्ट ने बीते दिन सरकार से सवाल किया कि राज्य में इतने इंजेक्शन आते हैं, तो वो जाते कहां पर हैं.
हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह सरकार काम कर रही है, उससे लोगों को लग रहा है कि वो सिर्फ भगवान भरोसे ही हैं. बता दें कि गुजरात में इस वक्त 30 हज़ार से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं.
गुजरात में कोरोना का हाल:
कुल केसों की संख्या: 3, 53516
अबतक हुई मौतें: 4855
एक्टिव केसों की संख्या: 30680
अबतक ठीक हुए मरीज़: 3,17981
कई राज्यों में बेड्स की कमी
सिर्फ गुजरात ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में बेड्स के लिए मारामारी हो रही है. लखनऊ में हर रोज़ चार हजार से ज्यादा कोरोना केस आ रहे हैं, यहां पर अस्पतालों में बेड्स नहीं हैं. खुद यूपी के स्वास्थ्य मंत्री इस बात को मान चुके हैं कि अचानक केस बढ़ने से बेड्स कम पड़ गए हैं.
दिल्ली में एक दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पतालों में एक भी बेड नहीं है, जिसके बाद कई अस्पतालों को सिर्फ कोविड स्पेशल घोषित किया गया है. महाराष्ट्र के कई जिलों से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं, जहां अस्पताल में बेड्स ना होने के कारण बाहर ही मरीज़ों का इलाज हो रहा है या उन्हें ज़मीन पर लेटाया जा रहा है.
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