रांची नियोनेटल में 12, पीडियाट्रिक आईसीयू छह बेड जल्द ही बढ़ाया जाएगा
झारखण्ड : रिम्स में नियोनेटल और पीडियाट्रिक स्टूडियो में आने वाले मरीजों की समस्या को दूर करने का प्रयास प्रबंधन किया जा रहा है। नियोनेटल स्टूडियो में 32 वॉर्मर मौजूद हैं। इनमें से भी कुछ कई बार बुरे रहते हैं। ऐसे में कई बार वॉर्मर पर दो या तीन नवजातों को जबरदस्ती रखा जाता है। इसे देखते हुए मैनेजमेंट 12 नए वॉर्मर बेड की खरीदारी करने जा रही है। इस योजना में दो साल के लिए वेडिंग प्लांट की अब अंतिम रूप से डिलीवरी की तैयारी हो चुकी है। जल्द ही जेम पोर्टल के माध्यम से 12 वॉर्मर की खरीदारी कर ली जाएगी। इसके बाद नियोनेटल स्टूडियो में कुल 44 बेड हो जायेंगे। बता दें कि नियोनेटल एसोसिएशन में 31 दिन तक नवजात का इलाज किया जाता है।
वॉर्मर और बेड नहीं मिलने से निजी अस्पताल चले जाते हैं मरीज
रिम्स के नियोनेटल और पीडियाट्रिक वार्ड में कई बार बेड नहीं मिलता है। नियोनेटल विभाग में वॉर्मर के लिए नंबर लोड किया गया है। पीडियाट्रिक आर्टिस्ट में भी बेड न मिलने की परेशानी है। ऐसे में कई बार अभिभावक अपने बच्चों के लिए बेहतर और तत्काल इलाज के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराते हैं, जहां उन्हें चॉकलेट से बने पदार्थों का इलाज करने के लिए मजबूर किया जाता है। बिस्तर और खेती बढ़ने से झारखंड और आसपास के गरीबों को काफी फायदा होगा।
पीडियाट्रिक स्टूडेंट के सभी बेड एडवांटेज से जुड़ेंगे
नियोनेटल स्टूडेंट के अलावा पीडियाट्रिक स्टूडेंट में भी छह बेड का सपोर्ट मिलेगा। सभी पीडिया मित्रों के बिस्तर को शामिल किया जाएगा। रिम्स में इस विभाग के नवीनीकरण की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। वार्ड को सुंदर एवं व्यवस्थित करने के लिए बड़ा कार्य किया जा रहा है। डीवीडी के लिए भी वार्ड तैयार किया जा रहा है।
बताएं कि बच्चों के इलाज के लिए कितनी बड़ी संख्या है। रिम्स के इस वार्ड में 14 साल के बच्चों का इलाज किया जाता है।
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