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फर्जी स्टार्टअप कंपनी बनाकर लोगों से निवेश कराकर ठगी करने वाले इस गिरोह के 11 सदस्यों हुआ गिरफ्तार

Rani Sahu
9 Jun 2021 3:02 PM GMT
फर्जी स्टार्टअप कंपनी बनाकर लोगों से निवेश कराकर ठगी करने वाले इस गिरोह के 11 सदस्यों हुआ गिरफ्तार
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साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने अब तक 5 लाख लोगों से 150 करोड रुपए की ठगी की है

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की साइबर सेल (Cyber Cell) ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने अब तक 5 लाख लोगों से 150 करोड रुपए की ठगी की है. फर्जी स्टार्टअप कंपनी (Fake Startup Company) बनाकर लोगों से निवेश (Investment) कराकर ठगी करने वाले इस गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. गिरोह का मास्टरमाइंड चीन (China) में बैठकर भारत के कई हिस्सों में फर्जी कंपनियां खोलकर लोगों को ठगी का शिकार बनाता था. आरोपियों ने पावर बैंक और ईजेएडप्लान के नाम से ऐप बनाया हुआ था.

दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट (Cyber Crime Unit) की साइबर प्रीवेंसेशन अवेयरनेस डिटेक्शन (Cyber Preventation Awareness Detection) ने इस गिरोह में शामिल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें दो चार्टेर्ड अकाउंटेंट 'सीए' शामिल हैं, जबकि तिब्बत की रहने वाली एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जो बंगलूरु (Bengaluru) से गिरोह का संचालन कर रही थी. आरोपियों ने पावर बैंक (Power Bank) और अन्य ऐप बनाकर लोगों से निवेश करवाने के नाम पर ठगी कर रहे थे.
साइबर सेल CyPAD के DCP Anyesh Roy ने बुधवार को बताया कि सोशल मीडिया पर चाइना के कई ऐप उपलब्ध हैं, जो लोगों को निवेश करवाने के नाम पर ठगी कर रहे थे. इसकी शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल अधिकारियों ने भी एक अकाउंट बनाकर ऐप पर निवेश करना चाहा तो लिंक भेज कर आरोपियों ने पैसे जमा करने को कहा.
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बताया गया कि पावर बैंक एक स्टार्टअप कंपनी है. इसमें निवेश किए गए पैसों से पावर बैंक बनाया जाएगा और पावर बैंक को बेचने के बाद जो लाभ मिलेगा. उसकी हिस्सेदारी सभी निवेशकों के बीच बांटी जाएगी. लालच में आकर लोगों ने निवेश करना शुरू कर दिया.
उपायुक्त ने बताया कि छानबीन के दौरान पता चला कि बीते दो महीने के भीतर आरोपयों ने करीब 5 लाख लोगों से 150 करोड़ रुपए की ठगी की थी. आरोपियों के विभिन्न खातों में 11 करोड़ सीज किया गया है. इसके साथ ही गुरुग्राम के रहने वाले सीए के विभिन्न बैंक खातों में 97 लाख रुपए होने की जानकारी पुलिस को मिली थी.
रिश्तेदार और कर्मचारियों के नाम से खोल रखीं थी 110 फर्जी कंपनियां
सीए ने करीब 110 फर्जी कंपनियां खोल रखी थी, जिसमें अपने रिश्तेदार और साथ में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी का निदेशक बनाया हुआ था. आरोपी 300 रुपए से लेकर लाखों रुपए का निवेश करवाते थे.
उपायुक्त ने बताया कि गिरोह के बारे में जब छानबीन की गई तो पता चला कि मास्टरमाइंड चीन में बैठा है. इसके तारे दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के अलावा देश भर में फैला हुआ है. तकनीकि सर्विलांस की मदद से सबसे पहले पश्चिम बंगाल (West Bengal) से शेख रोबिन को गिरफ्तार किया गया.
सीए के 29 बैंक खाता होने की मिली जानकारी
उससे की गई पूछताछ के बाद गुरुग्राम से सीए अविक केदिया और कटवरिया सराय से सीए रौनक बंसल को गिरफ्तार किया गया. रोबिन की निशानदेही पर 30 मोबाइल फोन जब्त किये गये. इसके 29 बैंक खाता होने की जानकारी मिली है. आरोपी चाइना में बैठे आका से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में था.
उपायुक्त ने बताया कि इनसे की गई पूछताछ के बाद दिल्ली के रहने वाले उमाकांत अकाश जाॅय, वेद चंद्रा, हरि ओम और अभिषेक मंसरमानी को गिरफ्तार किया गया. इन सभी को अलग-अलग कंपनियों का निदेशक बताया गया था. बाद में शशी बंसल और मिथलेश शर्मा को टीम ने गिरफ्तार किया. इन दोनों पर फर्जी कंपनी और फर्जी खाता में रुपए डलवाने का आरोप है.
उपायुक्त ने बताया कि गिरोह ने मात्र दो महीने के भीतर पूरे देश में पावर बैंक, ईजेएडकाॅवइन, सन फैक्टरी, लाइटिंग पावर बैंक समेत कई अन्य ऐप बनाकर पांच लाख लोगों से 150 करोड़ रुपए की ठगी की. फिलहाल पुलिस चाइना में बैठे मास्टरमाइंड के बारे में जानकारी जुटाने में जुटी है.


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