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देहरादून में सरकारी जमीन पर बनाई गई 11 अवैध मजारें गिराई गई

jantaserishta.com
11 May 2023 7:06 AM GMT
देहरादून में सरकारी जमीन पर बनाई गई 11 अवैध मजारें गिराई गई
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देहरादून आईएएनएस)| उत्तराखंड में इन दिनों अतिक्रमण के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत धार्मिक स्थल के नाम पर सरकारी जमीन पर खड़े ढांचों को गिराया जा रहा है। इसी क्रम में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बनाई गई मजारों को भी हटाया जा रहा है। देहरादून में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाई गई 11 मजारें गिराई गई हैं। देहरादून के थाना सेलाकुई क्षेत्र के अंर्तगत 11 जगहों पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गयी मजारों पर कार्रवाई हुई। दो महीने में उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर बने 20 मंदिर और 260 मजारें हटाई गई हैं।
सेलाकुई स्थित लाल शाह बाबा कमाल की मजार, शीशमबाड़ा प्रगति विहार नाले के पास की मजार, प्रगति विहार सड़क पर स्थित मजार, सिडकुल गेट नम्बर 2 के पास स्थित मजार, शेरी बाग की मजार भाऊवाला, जगतपुर खादर स्थित दो मजार, कैंचीवाला स्थित मजार, शंकरपुर सहारा इंडस्ट्रियल एरिया के पीछे स्थित मजार, शंकरपुर स्थित दो मजार हटा दी गईं। इस तरह कुल 11 मजारों को हटाकर सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया।
एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने बताया कि सभी मजारें सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई थीं। अतिक्रमण की पुष्टि मौके पर राजस्व विभाग की टीम द्वारा कार्रवाई की गई। अतिक्रमण हटाने सम्बन्धी अभियान में थाना सेलाकुई की पुलिस के अलावा सीओ विकासनगर, तहसीलदार विकासनगर, ईओ नगर पंचायत सेलाकुई, थाना विकासनगर, सहसपुर का पुलिस बल, नगर पंचायत और राजस्व विभाग की टीम शामिल थी। अभियान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और स्थानीय एलआईयू द्वारा सतर्क नजर रखी गई। जिससे अभियान के दौरान शांति व्यवस्था कायम रहे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी जमीनों पर धार्मिक स्थल के नाम पर किए गए अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम के आदेश के बाद संबंधित विभाग एक्टिव हुए हैं। पिछले दो महीने से सरकारी जमीनों से धार्मिक स्थल के नाम पर हुए अतिक्रमण को हटाया जा रहा है।
उत्तराखंड में अभी तक सरकारी जमीनों से 280 कथित धार्मिक स्थल हटाए गए हैं। सरकारी जमीनों से अब तक मंदिर के नाम पर किए गए 20 कब्जे हटाए गए हैं। इसी के साथ सरकारी भूमि से 260 तथाकथित मजारें हटाई गई हैं। पिछले दो महीने से प्रशासनिक मशीनरी सरकारी जमीनों को धर्मिक स्थल के नाम पर किए गए अतिक्रमण से मुक्त करा रही है।
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