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10 हजार नशीली गोलियां बरामद, एनसीबी का बड़ा एक्शन, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ हुआ ये बर्ताव

jantaserishta.com
30 April 2022 11:55 AM GMT
10 हजार नशीली गोलियां बरामद, एनसीबी का बड़ा एक्शन, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ हुआ ये बर्ताव
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पुलिस ने तीनों को इस केस में आरोपी बनाया है.

फतेहाबाद: हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने एक गाड़ी से 10 हजार नशीली गोलियां बरामद की हैं. नशा तस्करों ने जांच के दौरान एनसीबी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को कुचलकर भागने की भी कोशिश की.

दरअसल कार सवार दो नशा तस्कर हिसार से फतेहाबाद की तरफ आ रहे थे. गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने खाराखेड़ी गांव में नेशनल हाइवे-09 पर नाकेबंदी करके वाहनों की चेकिंग शुरू की. नशा तस्करों की ऑल्टो कार को जब पुलिस ने रुकने का इशारा किया गया तो उसमें सवार नशा तस्करों ने पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की और बाद में सरकारी गाड़ी में टक्कर मार दी.
इसके बाद पुलिस टीम ने कार सवार दोनों नशा तस्करों को पकड़ लिया और तलाशी में उनकी गाड़ी से नशीली गोलियां बरामद हुई, पुलिस ने दोनों आरोपियों की पहचान मती दास और भरत सिंह उर्फ चानन के रूप में की है. एक आरोपी हरियाणा जबकि दूसरा पंजाब का रहने वाला है.
दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद इस तस्करी में विनोद नाम के एक अन्य व्यक्ति का नाम भी सामने आया है, पुलिस ने तीनों को इस केस में आरोपी बनाया है.
हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सिरसा यूनिट की इस कार्रवाई को लेकर इंस्पेक्टर फतेह सिंह ने बताया कि हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने फतेहाबाद के गांव खाराखेड़ी में नशा तस्करों को पकड़ने के लिए अफसरों की तैनाती की थी.
इस दौरान हिसार की ओर से एक ऑल्टो कार में आए नशा तस्करों ने पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की और इस दौरान पुलिस की गाड़ी में सीधी टक्कर मार दी.
इसके बाद पुलिस टीम ने कार सवार दोनों युवकों को पकड़ लिया और आरोपियों के कब्जे से 10 हजार नशीली गोलियां बरामद की. कार्रवाई के दौरान कार चला रहे आरोपी नशा तस्कर मतिदास उर्फ पोपली ने भागने की कोशिश की और इस दौरान वह चोट लगने से घायल हो गया.
घायल आरोपी को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है जबकि दूसरे आरोपी भरत सिंह उर्फ चानन से पूछताछ की जा रही है.
आरोपियों के खिलाफ फतेहाबाद सदर थाना में आईपीसी की धारा 186, 307, 332, 353, 427 और नारकोटिक ड्रग एंड फिजियोथैरेपिक सब्सटेंसिस एक्ट-1985 की धारा 22 (सी) के तहत केस दर्ज किया है.
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