तमिलनाडु। करूर जिले में शनिवार को एक अजीब वाकया सामने आया. यहां कलेक्टर ऑफिस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और इसी दौरान अचानक एक लिफ्ट खराब हो गई. लिफ्ट खराब होने के चलते उसके अंदर 10 लोग फंस गए. लोगों ने लाठी-डंडों के जरिए लिफ्ट खोलने की काफी कोशिश की, लेकिन लिफ्ट नहीं खुली. अंत में अग्निशमन दल को बुलाकर किसी तरह लिफ्ट में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया.
जानकारी के मुताबिक शनिवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में एक सरकारी समारोह का आयोजन किया गया था. इस आयोचन में श्रम कल्याण विकास मंत्री सीवी गणेशन, निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पोनकुमार, तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी और कई गणमान्य लोग शामिल हुए.
कार्यक्रम चल ही रहा था कि कलेक्टर परिसर की एक लिफ्ट ने काम करना बंद कर दिया. उसमें 10 लोग सवार थे, जो दूसरी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर जा रहे थे. लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर तो पहुंच गई थी, लेकिन उसका दरवाजा बंद ही रहा. सबसे पहले आपातकालीन तरीके से दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया. बात नहीं बनी तो लोग लिफ्ट खोलने के लिए लकड़ी और डंडों का इस्तेमाल करने लगे. सभी ने थक हारकर अंत में अग्निशमन दल के लोगों को बुला लिया. 40 मिनिट तक चले संघर्ष के बाद लिफ्ट के अंदर फंसे लोगों को बचा लिया गया. उन्हें लिफ्ट से निकालकर तुरंत करूर के सरकारी अस्पताल भेजा गया. बता दें कि बचाव कार्यों की निगरानी के दौरान करूर के जिला कलेक्टर भी घटनास्थल पर मौजूद थे.
ऐसा ही एक मामला 27 मई को लुधियाना में भी सामने आया था. यहां कोर्ट परिसर में नई बनी लिफ्ट अचानक रुक गई थी. जिससे उसके अंदर मौजूद कई लोग कुछ देर के लिए फंस गए थे. काफी मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला गया था.
अंदर फंसे लोगों ने बताया था कि गर्मी और उमस के चलते उन्हें अंदर काफी परेशानी हो रही थी. लिफ्ट में फंसे लोगों में कई वकील और आम आदमी शामिल थे. सूचना के बाद दीवार तोड़कर सभी को बाहर निकाला गया. अंदर फंसे लोगों ने बताया कि जैसे ही लिफ्ट चली, थोड़ी देर बाद ही बंद हो गई. अंदर न तो पंखा काम कर रहा था और न ही लिफ्ट कोई कमांड ले रही थी. गर्मी से काफी दिक्कतें हो रही थी.