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कोरोना वैक्सीन को लेकर जाने 10 सबसे सटीक बातें

jantaserishta.com
27 Nov 2020 2:49 AM GMT
कोरोना वैक्सीन को लेकर जाने 10 सबसे सटीक बातें
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वैश्विक महामारी कोरोना ने एक बार फिर से वापसी की है. भारत के कई प्रदेशों में कोरोना का कहर जारी है. सरकारें इससे बचने के लिए तमाम उपाय कर रही हैं. कुछ जगहों पर इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम भी उठाए जा रहे हैं. इन सबके बीच लोगों की नजरें अब वैक्सीन पर हैं. वैक्सीन के बारे में कई ऐसी चीजें हैं जो लोगों के ध्यान में हैं. लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर तमाम सवाल भी उठ रहे हैं.

1.वैक्सीन आने में इतनी देरी क्यों:

यह एक बड़ा सवाल लोगों के मन में है. दरसअल, टीके या वैक्सीन के शोध और परीक्षण में लंबा समय लग जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लैब में सफलता के बावजूद, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के लोगों पर परीक्षण करने की आवश्यकता होती है. फिलहाल फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन की 90 प्रतिशत सफलता के वादे किए गए हैं. इनके तीसरे चरण के परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं. वहीं भारत में बन रही बायोटेक के Covaxin के तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं. इसके परिणाम अगले कुछ महीने तक आ सकते हैं.

2.कब तक आएगी वैक्सीन:

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दिसंबर में अपनी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया है और घोषणा की है कि तब तक 100 मिलियन खुराक तैयार हो जाएगी. हालांकि, आम जनता के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने में कुछ महीने और लगेंगे. बताया गया है कि इसकी कीमत 500 से 600 रुपये होगी. फाइजर और मॉडर्ना ने भारत के लिए अपनी योजनाओं या कीमतों की घोषणा नहीं की है.

3.क्या सभी भारतीयों को मिल पाएगी वैक्सीन:

यह एक और बड़ा सवाल है कि क्या सभी भारतीयों को वैक्सीन मिल पाएगी. 1.32 बिलियन लोगों को अगर टीका लगाया जाएगा तो इसे लगाने में महीनों लग जाएंगे. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने संकेत दिया है कि अगले साल जुलाई तक 250 मिलियन लोगों के टीकाकरण की उम्मीद है.

4.वैक्सीन को कौन हरी झंडी देगा:

DGCI (ड्रग्स एंड कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया), ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और MoHFW निर्णायक भूमिका निभाएंगे कि निर्माता द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों के आधार पर भारत में कौन सा टीका बेचा जाएगा. वे अपने निर्णय का आधार सार्वजनिक कर भी सकते हैं और नहीं भी.

5. क्या वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट होगा:

फिलहाल अभी तो वैक्सीन के परीक्षणों का ही दौर चल रहा है. परीक्षणों के एक प्रमुख भाग में स्वास्थ्य पर होने वाले किसी भी प्रभाव पर नजर रखना जरूर शामिल है लेकिन अभी तक किसी ने भी अपने टीकों के दुष्प्रभावों के बारे में कोई डेटा प्रकाशित नहीं किया है.

6.वैक्सीन लगने के बाद क्या कोई प्रमाणपत्र दिया जाएगा:

टीकाकरण के दौरान यह योजना जरूर बनाई जा सकती है कि कैसे यह उपाय किया जाए कि दोहराव ना हो. ऐसे में टीकाकरण को डिजिटल तरीके से ट्रैक करने की व्यवस्था भी बनाई जा सकती है.

7.वैक्सीन को सरकार देगी या निजी संस्था:

अभी तक इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है कि क्या सरकार टीकाकरण पर अपना बरकरार रखेगी या क्या निजी संस्था को अनुमति दी जाएगी. हालांकि कोविड-19 आरटी-पीसीआर परीक्षण के अनुभव से गुजरते हुए, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह संभावना अधिक है कि निजी अस्पतालों को लाइसेंस दिया जा सकता है.

8.वैक्सीन पहले किसको दी जाएगी:

स्वास्थ्य कर्मचारियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्ग नागरिकों और कुछ लक्षित बीमारियों वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.

9.वैक्सीन लगने के बाद भी कौन सी सावधानी रखनी पड़ेगी:

ऐसा कई बार देखा गया है कि अधिकांश टीकों में दोहरी खुराक की आवश्यकता पड़ी है. एक बार जब टीके का पूरा कोर्स पूरा हो जाएगा तो व्यक्ति में कोरोना संक्रमण से दूर करने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी होना चाहिए. हालांकि एक तथ्य यह जरूर है कि कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं पाया गया है.

10.क्या हर किसी को दी जाएगी वैक्सीन

यह तो तय है कि वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. लेकिन सरकार ने अभी तक किसी भी योजना की घोषणा नहीं की है.

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