औरंगाबाद, नए संसद भवन के उद्घाटन के करीब 10 दिन बाद एकबार फिर इसको लेकर बहस छिड़ गई। इस बार एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस मामले में नया बयान दिया है, जो इस विषय को मुद्दा बना सकता है।
शरद पवार ने बातचीत पर दिया जोर
नए संसद भवन को लेकर बातचीत के महत्व पर जोर देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि नए संसद भवन पर निर्णय राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के माध्यम से लिया जा सकता था। एनसीपी प्रमुख महाराष्ट्र के औरंगाबाद में महात्मा गांधी मिशन विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शरद पवार ने कहा कि संसदीय गतिविधियों के लिए बातचीत करने में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी राजनीतिक दलों के बीच मतभेद थे, लेकिन उन्होंने बातचीत के जरिए उन्हें सुलझाने की कोशिश की।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि संसद के पहले सत्र के बाद ली गई तस्वीर में डॉक्टर बीआर आंबेडकर और पंडित जवाहरलाल नेहरू समेत देश के कई नेता नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि उस तस्वीर में सभी राष्ट्रीय नेता नजर आ रहे थे। पवार ने आरोप लगाया कि कई निर्वाचित नेताओं को नए भवन में प्रवेश करने का मौका नहीं मिला।
उन्होंने कहा, ”मुझे समझ नहीं आया कि नए संसद भवन की जरूरत क्यों पड़ी। इसके बारे में फैसला राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के जरिए लिया जा सकता था, लेकिन मुझे नए भवन के बारे में अखबारों से पता चला।”
शरद पवार ने कहा, ”हमने (विपक्ष ने) नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित करने की मांग की। इसका सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा विरोध करने की कोई आवश्यकता नहीं थी।”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। इस समारोह से 20 से अधिक विपक्षी दल दूर रहे। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर उद्घाटन को राज्याभिषेक की तरह मानने का आरोप लगाया।