कोरोना से जान गंवाने वाली महिला कर्मचारी के परिवार को मिली 1 करोड़ रुपये की सहायता
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दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने आज कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाली साई कर्मचारी सुनीता के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता दी. EDMC में सफाई कर्मचारी रहीं सुनीता का कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में लोगों की सेवा करते हुए 15 मई 2020 को निधन हो गया था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें 1 करोड़ रुपये सहायता राशि का चेक सौंपा. बता दें कि दिल्ली सरकार अब तक 18 कोरोना योद्धाओं के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये की मदद दी है.
सुनीता ऐसी दूसरी सफाईकर्मी हैं, जिनके परिवार को दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ रुपये का चेक (1 Crore Cheque to Sunita) सौंपा है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में सिर्फ आप सरकार ने ही ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने सफाई कर्मचारियों की मेहनत और राजधानी को साफ रखने में उनके योगदान के लिए उनका आभार जताती है. बता दें कि दिल्ली के सीएम (Delhi CM Kejriwal) आज शाम को सफाई कर्मचारी सुनीता के घर पहुंचे थे. पीड़ित परिवार को उन्होंने एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा.
सुनीता EDMC में सफाई कर्मचारी थीं. कोरोना के समय लोगों की सेवा करते हुए वह संक्रमित हो गई थीं. जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. अब उनके परिवार को दिल्ली सरकार ने मुआवजा राशि दी है. दिल्ली के सीएम ने कहा कि सरकार अब तक 18 कोरोना योद्धाओं के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये सम्मान राशि के तौर पर दे चुकी है. सीएम अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली के सीलमपुर इलाके में सफाई कर्मचारी रहीं सुनीता के घर पहुंचे. सीएम ने उनके पूरे परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. इसके साथ ही भविष्य में हर संभव मदद देने का उन्हें आश्वासन भी दिया.
मीडिया से बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि सुनीता की जान की कीमत नहीं लगाई जा सकती. दिल्ली सरकार ने सिर्फ पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की है.उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को उन्होंने आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली सरकार उनके साथ खड़ी है. बता दें कि दिल्ली सरकार ने ऐसान किया था कि कोरोना ड्यूटी पर रहते अगर किसी भी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार को सरकार 1 करोड़ रुपये की मदद देगी. इसी योजना के तहत आज सुनीता के परिवार को आर्थिक मदद दी गई है. सुनीता 1995 में पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्त हुई थीं. वह पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अजीत नगर इलाके में ड्यूटी पर तैनात थीं. 25 मार्च 2020 से 4 मई 2020 तक लॉकडाउन के समय उन्होंने सभी कंटेनमेंट जोन और होम क्वारंटीन में ड्यूटी की थीं. इसी दौरान वह कोरोना की चपेट में आ गईं थीं. तबीयत खराब होने पर 10 मई 2020 को उन्हें पटपड़गंज के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. 10 मई 2020 को उन्हें ताहिरपुर के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. इलाज के दौरान 15 मई 2020 को उनका निधन हो गया.