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भारत में कब रखा जाएगा रोजा, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
22 March 2023 8:15 AM GMT
भारत में कब रखा जाएगा रोजा, जानिए पूरी खबर
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दिल्ली: इस्लामिक कैलेंडर के नौवें माह रमजान का प्रारंभ होने वाला है, उसके साथ ही रोजा भी शुरु हो जाएगा. इस बार रमजान के प्रारंभ होने की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन है क्योंकि चांद के दिखने पर ही रमजान शुरु होता है और अगले दिन रोजा रखा जाता है. इस बार भारत में रमजान किस तारीख से है और पहला रोजा कब है? इस बारे में जानते हैं झांसी के काजी मुफ्ती साबिर अंसारी कासमी से.

भारत में कब से है रमजान और पहला रोजा?

काजी कासमी के अनुसार, रमजान मा​ह की तारीख ए क़मरी 1, सन 1444 हिजरी शुक्रवार को है. यदि आज 22 मार्च को चांद दिखता है तो आज से रमजान माह शुरु होगा और कल 23 मार्च गुरुवार से पहला रोजा रखा जाएगा. यदि आज चांद नहीं दिखता है तो कल 23 मार्च को चांद होगा. ऐसे में 24 मार्च शुक्रवार को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा और उस दिन पहला जुमा होगा. रमजान माह 24 मार्च से प्रारंभ होगा.

चांद के आधार पर होती है गणना

जिस प्रकार से हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय की तिथि से व्रत और त्योहार तय होते हैं, उसी तरह से इस्लामिक कैलेंडर में चांद के आधार पर त्योहार तय होते हैं. कोई त्योहार मनाने से पूर्व यह देखा जाता है कि चांद कब निकल रहा है. यदि चांद नहीं निकला तो उस माह की तारीख ए क़मरी पर त्योहार मनाया जाता है.

उदाहरण के लिए रमाजान मा​ह की तारीख ए क़मरी 1, सन 1444 हिजरी शुक्रवार को है. यदि आज चांद नहीं दिखता है तो फिर 24 मार्च शुक्रवार से रमजान शुरु हो जाएगा.

रमजान से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

1. रमजान इस्लामिक कैलेंडर का 9वां माह है. यह काफी पवित्र माह है. मान्यताओं के अनुसार, रमाजान माह में पैगंबर मोहम्मद साहब को खुदा से कुरान की आयतें मिली थीं. इस वजह से इस माह में रोजा रखकर अल्लाह का शुक्रिया करते हैं.

2. रोजा के समय में सूर्योदय से पहले उठकर सहरी खाते हैं. फिर दिनभर भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करते हैं. शाम को खजूर खाकर रोजा खोलते हैं और फिर इफ्तार होती है.

3. रोजा में शाम को सूर्यास्त के बाद नमाज पढ़ी जाती है. उसके बाद ही रोजा खोलते हैं.

4. रमजान को बरकत का महीना कहा जाता है. इसमें की गई दुआ कबूल होती है.

5. रमजान में ईमानदारी से कमाए गए पैसों से ही सहरी और इफ्तारी करते हैं. जो बेईमानी के पैसों से सहरी और इफ्तारी करते हैं, उनको अल्लाह माफ नहीं करता है.

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