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मुंबई में गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन होने की संभावना, संजय राउत ने दी जानकारी
jantaserishta.com
17 April 2022 5:00 PM GMT
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देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए जल्दी ही मुंबई में गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन होने की संभावना है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है जहां भाजपा सत्ता में नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने की जरूरत है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनके इस प्रस्ताव पर चर्चा की है। जिसके बाद मुंबई में इस तरह का एक सम्मेलन आयोजित करने के प्रयास शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में बेरोजगारी, महंगाई, केंद्रीय जांच एजेंसियों के 'दुरुपयोग', सांप्रदायिक कलह पैदा करने के प्रयास आदि समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
राउत ने आरोप लगाया कि रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए जुलूसों पर हुए हमले वोटरों का ध्रुवीकरण करने के लिए राजनीतिक रूप से प्रायोजित थे। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं उन राज्यों में हो रही हैं, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं।
इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे पर भी हमला किया। उन्होंने राज ठाकरे को 'नया हिंदू ओवैसी' बताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी एक 'हिंदू ओवैसी' ने हनुमान जयंती पर शांति भंग करने के सभी प्रयास किए, लेकिन यहां लोग और पुलिस धैर्यवान और मजबूत हैं।
यह पूछे जाने पर कि वह किसको 'हिंदू ओवैसी' कह रहे हैं,राउत ने कहा, 'लाउडस्पीकरों से यह स्पष्ट है कि हिंदू ओवैसी कौन हैं। मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर सरकार के साथ चर्चा की जा सकती थी, लेकिन उनका इरादा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भाजपा की इच्छा को पूरा करने के लिए कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति बनाना था। उन्होंने आरोप भाजपा पर आरोप लगाया कि बीजेपी ने यूपी चुनाव में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और महाराष्ट्र में 'हिंदू ओवैसी' का इस्तेमाल किया।
गौरतलब है कि 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने शनिवार को देश में अभद्र भाषा और सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। इन दलों के नेताओं ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया।
एक संयुक्त बयान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके तमिलनाडु और झारखंड के समकक्ष एम के स्टालिन और हेमंत सोरेन सहित अन्य नेताओं ने भी भोजन और पहनावे से संबंधित मुद्दों पर चिंता जताई। इन नेताओं ने कहा कि समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए सत्ता पक्ष द्वारा लोगों की आस्था, त्योहारों और भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मनसे प्रमुख ने शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर पुणे में भगवान हनुमान की 'महा आरती' की थी। इस दौरान पुणे में राज ठाकरे को हिंदुओं के नेता के रूप में घोषित करने वाले पोस्टर लगाए गए थे, जिससे सत्तारूढ़ शिवसेना को नाराज हो गई थी।
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