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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में जाति आधारित जनगणना कराने पर फैसला लेने के लिए जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में जाति आधारित जनगणना कराने पर फैसला लेने के लिए जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. सीएम नीतीश कुमार ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि राज्य आधारित जनगणना करने का विकल्प खुला है. उन्होंने कहा, 'हम (सभी दल) जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे. इस कवायद पर सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. कोई भी निर्णय सर्वसम्मति से ही लिया जाएगा.'
केंद्र ने सितंबर में उच्चतम न्यायालय को एक हलफनामे में बताया था कि पिछड़ा वर्ग की जाति जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर है. इससे पहले, बिहार के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में कुमार ने जाति जनगणना में ओबीसी को शामिल करने को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.
जाति आधारित जनगणना के लिए भी हो देशव्यापी आंदोलन
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने हाल में कहा था कि किसान आंदोलन की तरह जाति आधारित जनगणना के लिए देशव्यापी आंदोलन करने की आवश्यकता है. इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, 'मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा है लेकिन जल्द ही फैसला लिया जाएगा. बिहार में जाति आधारित जनगणना की इस मांग पर राजद समेत सभी राजनीतिक दलों के नेता एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे.
धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को स्पष्ट तौर पर माना कि कुछ लोग शराबबंदी के फैसले के खिलाफ हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए. शराबबंदी को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो प्रारंभ से ही कहते रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति एक विचार का होगा, यह संभव नहीं है. मनुष्य का जो स्वभाव होता है, यह सभी को मालूम है.
उन्होंने कहा, हम लोग यह मानकर चलते हैं कि कुछ लोग मेरे खिलाफ रहेंगे. शराबबंदी लागू करने के लिए पूरा का पूरा प्रयास करना चाहिए. इसके लिए सबको समझाना चाहिए. गडबड़ी करने वालों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई भी होनी चाहिए.
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