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वीडियो: चीन से तनाव के बीच हॉवित्जर टैंकों ने सीमा पर दिखाई ताकत, बचना दुश्मन के लिए नामुमकिन! जानें खासियत
jantaserishta.com
2 Oct 2021 7:33 AM GMT
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नई दिल्ली: भारतीय सेना ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास लद्दाख सेक्टर में पहली K9-वज्र (K9-Vajra) स्व-चालित हॉवित्जर रेजिमेंट को तैनात किया है. यह तोप लगभग 50 किमी की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकती है. ये तोपें अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी काम कर सकती हैं. K9-वज्र तोप के प्रदर्शन पर बात करते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बताया कि इसके फील्ड ट्रायल बेहद सफल रहे. हमने अब सेना में एक पूरी रेजिमेंट जोड़ ली है जोकि काफी मददगार होगा.
आर्मी का K-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है. इसमें तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं. K-9 वज्र में आर्टिलरी की रेंज और ताकत है, जो 18 किलोमीटर से लेकर 50 किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी ठिकाना तबाह कर सकती है. इसमें टैंक के पावर पैक्ड फीचर भी हैं. K-9 वज्र टैंक की तरह किसी भी तरह के मैदान में तेजी से चल सकता है. K-9 वज्र की बदौलत भारतीय सेना की आर्टिलरी की मारक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और हाईटेक सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी में शुमार किया जाता है.
K-9 वज्र टैंक स्व-संचालित है
K-9 वज्र टैंक स्व-संचालित है. यह एक ऑटोमैटिक कैनल बेज्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जिसकी कैपिसिटी 40 से 52 किलोमीटर तक है. वहीं, इसका ऑपरेशनल रेंज 480 किलोमीटर है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही इस टैंक के निर्माण के लिए गुजरात के हजीरा में खास फैक्ट्री बनाई गई. सबसे बड़ी बात कि K9 वज्र स्वदेश में निर्मित है. इसे दक्षिण कोरिया की मदद से भारत में ही बनाया गया है. K9-वज्र में मल्टीपल राउंड्स मल्टीनेशनल इफेक्ट (MRSI) मोड में गोले को रखने की क्षमता है. MRVI मोड में K-9 वज्र केवल 15 सेकंड के भीतर तीन गोले दाग सकता है. अधिकतम गोले की क्षमता 104 राउंड फायर की है. इस तोप का वजन 50 टन है और यह 47 किलोग्राम के गोले 50 किलोमीटर की दूरी तक दाग सकती है.
पीएम मोदी ने जनवरी 2020 में इसे सेना को सौंपा था
भारतीय सेना के लिए सबसे शक्तिशाली माने जा रहे इस युद्धक टैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी 2020 को सेना को सौंपा था. तब उन्होंने कहा था कि सूरत में बने ये बहुउद्देश्यी K-9 वज्र टैंक हमारे देश की सरहदों पर तैनात होकर उसे महफूज रखने और जरूरत पड़ने पर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम होंगे. इसी साल जनवरी महीने में इसे ट्यूनिंग टेस्ट के लिए सेना के पास भेजा गया था, जिसके बाद इसके सेना में शामिल होने पर मुहर लगी थी.
#WATCH K9-Vajra self-propelled howitzer in action in a forward area in Eastern Ladakh pic.twitter.com/T8PsxfvstR
— ANI (@ANI) October 2, 2021
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