फरलो पर जेल से बाहर रह रहे डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह को अब Z प्लस सुरक्षा में रखा जाएगा। इस संबंध में ADG CID की तरफ से रोहतक रेंज कमिश्नर को पत्र लिखा गया था। पत्र में बताया गया है कि उनको गृह मंत्रालय से इनपुट मिले हैं कि राम रहीम को खालिस्तान समर्थित आतंकवादियों से खतरा है और सजा से पहले भी उसको धमकियां मिलती रही हैं। इसी खतरे को देखते हुए गुरमीत राम रहीम की सुरक्षा को कड़ा किया जाना जरूरी है। डेरामुखी गुरमीत राम रहीम 7 फरवरी से फरलो पर है और इस दौरान वह गुरुग्राम स्थित अपने डेरे में परिवार के साथ रह रहा है। गुरमीत को फरलो दिए जाने के विरोध में हाईकोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई होनी है।
राम रहीम को फरलो दिए जाने के मामले में भी बड़ा खुलासा हुआ है। राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल के सुप्रिटेंडेंट को 31 जनवरी को पत्र लिखकर तीन सप्ताह की फरलो दिए जाने की मांग की थी और अपने परिवार के साथ गुरुग्राम में रहने की इच्छा जताई थी। राम रहीम के अनुसार, वह 4 साल 4 महीने से जेल में बंद है और परिवार से मिलने के लिए 21 दिन की फरलो छुट्टी चाहता है। राम रहीम की फरलो की मांग पर रोहतक कमिश्नर की तरफ से गुरुग्राम कलेक्टर से सुरक्षा व अन्य कारणों पर उनका पक्ष मांगा गया था। गुरुग्राम कलेक्टर ने एक दिन में ही एक जनवरी को राम रहीम को फरलो देने की सिफारिश करते हुए वापस रोहतक प्रशासन को पत्र का जवाब भेज दिया था। गुरुग्राम कलेक्टर ने यह भी लिखा कि राम रहीम का परिवार यहीं पर रहता है, इस बात को कंफर्म कर लिया गया है। अगर राम रहीम फरलो के दौरान यहां आना चाहता है तो स्थानीय लोगों व पुलिस को इससे कोई ऐतराज नहीं है। राम रहीम ने जेल में सजा के दौरान कोई अपराध नहीं किया है और वह हार्डकोर अपराधी की श्रेणी में नहीं आता है, इस कारण फरलो पर रिहाई की सिफारिश की जाती है।