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क्यों आता है चक्रवात ? इन राज्यों में होता है चक्रवात का ज्यादा खतरा

Admin2
16 May 2022 9:57 AM GMT
क्यों आता है चक्रवात ? इन राज्यों में होता है चक्रवात का ज्यादा खतरा
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भारत के कई राज्य पर पड़ता है प्रभाव

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : चक्रवात को अंग्रेजी में साइक्लोन कहते हैं। इसकी संरचना अंग्रेजी के V अक्षर जैसी होती है। साइक्लोन एक ऐसी संरचना है जो गर्म हवा के चारों ओर कम वायुमंडलीय दाब के साथ उत्पन्न होती है। जब एक तरफ से गर्म हवाओं तथा दूसरी तरफ से ठंडी हवा का मिलाप होता है तो वह एक गोलाकार आंधी का आकार लेने लगती है इसे ही चक्रवात कहते हैं। आईएमडी का कहना है, "एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक तीव्र निम्न दबाव क्षेत्र या उष्णकटिबंधीय या उप-उष्णकटिबंधीय पानी के ऊपर के वातावरण में एक चक्कर है। इसकी अधिकतम गति 30 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। यह एक गोलाकार पथ में चक्कर लगाती घूमती हुई राशि होती है। इसकी गति अत्यंत तेज होती है। दक्षिणी गोलार्द्ध में इसे चक्रवात तथा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विली-विली उत्तरी गोलार्द्ध में हरीकेन या टाइफून, मैक्सिको की खाड़ी में टारनेडो कहते हैं।

चक्रवात क्या है जानने के साथ-साथ यह जानना भी आवश्यक है कि साइक्लोन मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं-
ध्रुवीय चक्रवात
ध्रुवीय कम
आतिरिक्त ऊष्ण कटिबंधीय चक्रवात
अन्त: ऊष्ण कटिबंधीय
उष्णकटिबंधीय
मेसोस्कैल
चक्रवात के प्रभाव
चक्रवात क्या है जानने के साथ-साथ यह जानना भी आवश्यक है कि साइक्लोन के कई भीषण प्रभाव होते हैं। कुछ महीने पहले ही में भारत के दक्षिण-पश्चिम राज्यों आए चक्रवात के प्रभाव देखने को मिले जो इस प्रकार हैं:
साइक्लोन के कारण पेड़ गिर जाते हैं।
इसके कारण भारी वर्षा होती है।
कई लोगों की जानें चली जाती है।
कई स्ट्रीट लाइट के खंभे गिर जाते हैं।
कई बिल्डिंग गिर जाती है।
साइक्लोन के कारण फसलें बर्बाद हो जाती है।
कई दिनों के लिए संचार व्यवस्था में दिक्कत आती है।
कई इलाकों में पानी भर जाता है।
जीव जंतु और पक्षियों को भी नुकसान पहुंचाता है।
घर गिर जाने पर कई दिनों तक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
भारतीय राज्यों की समुद्र तटीय सीमा रेखा (Seaside Border)
गुजरात-1214.7 किमी
महाराष्ट्र – 720 किमी
गोवा – 101 किमी
दमन और दीव -5 किमी
कर्नाटक – 280 किमी
केरल – 569.7 किमी
तमिलनाडु – 906.9 किमी
आंध्र प्रदेश – 973.7 किमी
ओडिशा- 476.4 किमी
पश्चिम बंगाल-157.5 किमी
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