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क्या है Web 3.0 ? आपके कंटेंट पर आपका ही होगा पूरा अधिकार

Admin2
2 May 2022 2:02 PM GMT
क्या है Web 3.0 ? आपके कंटेंट पर आपका ही होगा पूरा अधिकार
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : वेब 3.0 क्या है?इटरनेट वर्तमान में एक बदलाव के कगार पर है - अगली पीढ़ी का इंटरनेट, वेब 3.0, क्षितिज पर है। लेकिन लेटरमैन के भद्दे संदेह के स्वर में, आप सोच रहे होंगे, "वैसे भी वेब 3.0 क्या है?"संक्षेप में, वेब 3.0 इंटरनेट का अगला पुनरावृत्ति है जो काफी हद तक ब्लॉकचेन तकनीक, क्रिप्टोकरेंसी और सबसे महत्वपूर्ण, विकेंद्रीकरण के दर्शन पर निर्भर करेगा।

Web 1.0 - Web 1.0 का मतलब Normal Static Website यानी उस जमाने में हम सिर्फ Blog website को ब्राउज करके पढ पाते थे इसके अलावा और कुछ भी करने की हमारे पास अनुमति नहीं होती थी
सन 1980 के दशक में वेब का पहला वर्जन Web 1.0 का आविष्कार हुआ था लेकिन इसमें लोग सिर्फ ब्राउज कर पाते थे यानी आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में किसी भी वेब पेज को ब्राउज करके सिर्फ जानकारियां पढ़ पाते थे, लेकिन उस समय इंटरनेट की दुनिया में ये एक बहुत बड़ी सफलता थी।Web 1.0 में इंटरनेट पर आप एक दूसरे से कनेक्ट नहीं हो सकते थे सिर्फ दूसरों के द्वारा लिखी गई जानकारियां पढ़ पाते थे। किसी भी साइट पर आप कमेंट नहीं कर पाते थे या अकाउंट नहीं बना पाते थे।
Web 1.0 के समय में सोशल साइट्स नहीं हुआ करती थी जिस तरह से आज हुआ करती है और आप सोशल साइट्स पर अपना अकाउंट बनाकर एक दूसरे से कनेक्ट हो पाते हैं।
Web 2.० - Web 2.0 यानी Dynamic & interactive website इसका मतलब कि यूजर्स वेबसाइट पर कमेंट कर सकता है गेम खेल सकता है अपना अकाउंट बना सकता है और आज के समय में वेब का यही वर्जन चल रहा है यहां तक कि गूगल भी Web 2.0 पर ही है।
सन 2000 दशक के आस पास वेब का दूसरा वर्जन Web 2.0 का आविष्कार हुआ और इसका आविष्कारक Darcy Dinucci (डार्सी डिनुसी) थे। इस नए संस्करण में आप ब्राउज़ करने के साथ ही कमेंट करना और उस पेज में अपना अकाउंट बनाना एवं एक दूसरे से कनेक्ट रहने की सुविधा हमें मिली।
हमारे बहुत से दर्शक को ये नहीं पता है कि Web 2.0 क्या होता है तो हम आप को संक्षिप्त में बता दें कि अभी के समय में आप इंटरनेट पर जो ब्राउज करते हैं वही Web 2.0 है और इसके वजह से ही आप ब्राउज़ करने के साथ उस पेज पर कॉमेंट कर पाते हैं और अपना अकाउंट भी बना पाते हैं।Web 2.0 के वजह से ही सोशल साइट्स विकसित हुए हैं और आज आप फेसबुक ट्विटर या लिंकडइन जैसे सोशल साइट्स पर अपना अकाउंट बनाकर एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं वो इसी संस्करण के वजह से संभव हो पाया है
इस समय Web 2.0 में आप अगर कोई वेब पेज को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में ब्राउज करते हैं तो जानकारियां तो पढ़ते ही हैं साथ ही उस पेज पर हमें लॉगिन करके अपना अकाउंट बनाने का भी ऑप्शन मिलता है एवं कांटेक्ट फॉर्म के द्वारा हम उस साइट ऑनर से कनेक्ट भी हो पाते हैं।Web 2.0 खास करके ई-कॉमर्स साइट के लिए एक अच्छा मौका दिया अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए और ये संस्करण ने Blogging को तेजी से आगे बढ़ाया, अब बड़ी-बड़ी कंपनियां अपना प्रोडक्ट को दुनिया भर में इंटरनेट के जरिए बेच सकती है।
Web 2.0 के ही वजह से सोशल साइट्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर इत्यादि प्लेटफार्म तेजी से विकसित हुए। अगर आप फेसबुक या अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर एक दूसरे से कनेक्ट हो पाते हैं अपना अकाउंट बना रख पाते हैं तो ये सिर्फ Web 2.0 के वजह से ही संभव हो पाया है।

आज के समय में इंटरनेट पर जितने भी Blog या Website आपको दिखते हैं वो सभी Web 2.0 संस्करण में ही है।
Web 3.0 यानी decentralized web यानी इस संस्करण में वेबसाइट के फीचर के ऊपर कोई भी बात को डिसाइड नहीं किया जाएगा बल्कि इसका मेजर एलिमेंट होगा डिसेंट्रलाइजेशन।इस डिसेंट्रलाइजेशन को यनी Web 3.0 को blockchain technology पावर देगा, और यही टेक्नोलॉजी Cryptocurrency में भी इस्तेमाल किया जाता है।blockchain technology में कोई भी डाटा किसी एक कंप्यूटर या सर्वर पर नहीं होता है बल्कि दुनिया भर के सभी कंप्यूटर पर थोड़ा-थोड़ा होता है इसी वजह से इसे हैकर को हैक कर पाना नामुमकिन हो जाएगा।
Web 2.0 मे इंटरनेट हर तरफ से बंधा हुआ है लेकिन Web 3.0 में ये पूरी तरह से ओपन हो जाएगा और साथ ही सिक्योर भी हो जाएगा यानी किसी हैकर को कोई डेटा को हैक करना नामुमकिन सा हो जाएगासन 2010 के दशक के बाद से ही वेब का तीसरा वर्जन Web 3.0 का विकास शुरू हो गया था और ये Web 2.0 से कई कदम आगे रहेगा। यह नया संस्करण पूरी तरह से खुला रहेगा और यहां पर हमारी वेब सिक्योरिटी पूरी तरह से सेक्युर रहेगी।
दरअसल Web का Third Version Web 3.0 को पिछले दो संस्करण में हुए कमियों को और भी अच्छी तरह से सुधारने के लिए अविष्कार किया गया है, इस संस्करण में इंटरनेट पर हमारा डाटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।वेब के तीसरा वर्जन यानी Web 3.0 का कंट्रोल सिर्फ एक के पास नहीं रहेगा बल्कि सबके पास थोड़ा-थोड़ा रहेगा यानी एक तरह से आप ये समझे कि इसका कंट्रोल किसी के पास भी नहीं रहेगा इसलिए हैकर को कोई डेटा को हैक करना नामुमकिन सा हो जाएगा।
अब आपको ये लग रहा होगा कि Web 3.0 का कंट्रोल सबके पास थोड़ा-थोड़ा कैसे हो सकता है तो आपने क्रिप्टो करेंसी का नाम सुना होगा इसका कंट्रोल भी किसी एक के पास नहीं होता है बल्कि हर कंप्यूटर पर थोड़ा-थोड़ा होता है और ऐसे में अगर कोई हैकर हैक भी करना चाहे तो वो दुनिया भर के सभी कंप्यूटर या सर्वर को एक साथ हैक नहीं कर सकता है।
जिस तरह से Cryptocurrency के डाटा blockchain में लिखा होता है उसी तरह से डिसेंट्रलाइजेशन में भी डाटा किसी एक कंप्यूटर में नहीं होगा बल्कि blockchain में रहेगा और ऐसे में आपका डाटा पूरी तरह से सेफ एवं सिक्योर रहेगा।यानी उदाहरण के लिए अगर आप Web 3.0 के संस्करण में कोई डोमेन नेम खरीदते हैं तो खरीदने वाले का नाम पता एवं किसी भी तरह के जानकारी कोई नहीं निकाल पाएगा क्योंकि ये सभी जानकारी Blockchain में रहेगा।
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