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West Bengal: महाकुंभ की भगदड़ में पश्चिम बंगाल की दो महिलाओं की मौत हुई
प्रयागराज: महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ में पश्चिम बंगाल की दो महिलाओं की मौत हो गई थी. इन महिलाओं के परिजनों का आरोप है कि उन्हें बिना डेथ सर्टिफिकेट के शव दे दिए गए.वहीं पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ने यूपी सरकार पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता और पश्चिम मिदनापुर से आईं बसंती पोद्दार और उर्मिला भुइनिया के परिजन कई आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शव के साथ सिर्फ एक कागज दिया गया, जिसमें शव सौंपे जाने की बात दर्ज थी, लेकिन कोई सर्टिफिकेट नहीं था. एजेंसी के अनुसार, कोलकाता के गोल्फ ग्रीन इलाके की बसंती पोद्दार और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सालबोनी की उर्मिला भुनिया की 29 जनवरी की सुबह हुई भगदड़ मे मौत हो गई थी. बसंती पोद्दार का शव गुरुवार शाम कोलकाता लाया गया, यहां एमआर बांगुर अस्पताल के डॉक्टरों ने शव की जांच की. इन महिलाओं के परिजनों ने दावा किया कि मेले में बंगाल के सात लोग अभी भी लापता हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से एक सुबीर नस्कर शहर के पूर्व पुटियारी इलाके से हैं. वहीं एक अन्य लापता शख्स सुबीर नस्कर के परिजनों ने रीजेंट पार्क पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत की है. नस्कर की भतीजी ने कहा कि हमें वीडियो कॉल पर कुछ शवों की तस्वीरें दिखाईं, लेकिन मेरे चाचा उनमें नहीं थे.
नहीं थी सुरक्षा की कोई व्यवस्था: सुर्जीत ने रुंधे हुए गले से कहा कि मेरी मां वहां 45 मिनट तक पड़ी रहीं, लेकिन किसी प्रकार की सहायत नहीं मिली। उनके ऊपर तीन लोग और गिर गए थे। आस-पास मौजूद लोगों ने मुझे 15 मिनट बाद उठाया। तब भी वहां पर पुलिस नहीं आई थी। स्थानीय लोगों की मदद से हमने मां को अस्पताल पहुंचाया और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया।
‘बंगाल में ऐसी घटना होती तो भाजपा राष्ट्रपति शासन की मांग करती’, महाकुंभ में भगदड़ पर बोले अभिषेक बनर्जी
टीएमसी सांसद और पार्टी के शीर्ष नेता अभिषेक बनर्जी ने प्रयागराज स्थित महाकुंभ में मची भगदड़ से निपटने के यूपी सरकार के तरीके की आलोचना के बीच भाजपा नीत केंद्र सरकार और यूपी सरकार पर निशाना साधा. बजट सत्र के लिए दिल्ली आए बनर्जी ने कहा कि अगर बंगाल में ऐसी घटना होती तो भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करती. भगदड़ के अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें बजट से कोई उम्मीद नहीं है. महाकुंभ में मची भगदड़ को बनर्जी ने दुखद बताया लेकिन यह भी कहा कि प्रबंधन से ज्यादा मार्केटिंग की गई. उन्होंने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है. उचित प्रबंधन से ज्यादा कुंभ का प्रचार और मार्केटिंग किया गया है.” बनर्जी ने कहा, “अगर यह घटना गैर-भाजपा शासित राज्यों में हुई होती, तो वे राष्ट्रपति शासन की मांग करते. वे अब तक मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं कर पाए हैं. गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन मेले में आने वाले वीआईपी लोगों के लिए व्यवस्था है. मीडिया भी उनकी कठपुतली की तरह काम करता है. अगर गंगा सागर में ऐसा कुछ हुआ होता, तो वे राष्ट्रपति शासन की मांग करते.”