पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल: लक्ष्मी मैती ने बताया कि 48 साल पहले मेरे पति की मौत, कई दिन भूखी रहीं, हेल्पेज इंडिया से मिली मदद

Shiddhant Shriwas
4 Jun 2022 10:16 AM GMT
पश्चिम बंगाल: लक्ष्मी मैती ने बताया कि 48 साल पहले मेरे पति की मौत, कई दिन भूखी रहीं, हेल्पेज इंडिया से मिली मदद
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पश्चिम बंगाल की 102 साल की लक्ष्मी मैती के लिए उम्र मात्र एक आंकड़ा है, उनके जोश में जरा भी कमी नहीं है।

पश्चिम बंगाल की 102 साल की लक्ष्मी मैती के लिए उम्र मात्र एक आंकड़ा है, उनके जोश में जरा भी कमी नहीं है। वह पिछले 50 सालों से सब्जी बेच कर अपना परिवार पाल रही हैं। वह चाहती हैं कि अपने परिवार को कभी बुनियादी जरूरतों के लिए आर्थिक दुश्वारियों का सामना नहीं करना पड़े।

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के जोगीबढ़ गांव की रहने वाली लक्ष्मी मैती रोज सुबह 4 बजे उठकर कोलघाट कस्बे की सब्जी मंडी जाती है और थोक में सब्जियां खरीदती है और उन्हें आटो रिक्शा में लादकर स्थानीय बाजार में लाकर बेचती हैं।

48 साल पहले हुई पति की मौत, कई दिन भूखी रहीं

लक्ष्मी मैती ने बताया कि 48 साल पहले मेरे पति की मौत हो गई थी। उसके बाद कई दिनों तक भूखी रही। घर चलाने के लिए मैंने सब्जी बेचने का धंधा शुरू किया। उस वक्त मेरा बेटा सिर्फ 16 साल का था। कुछ दिन बहुत मुश्किल में गुजरे, खासकर तब जब मैं बीमार पड़ी, लेकिन मैंने परिवार की जरूरतों की पूर्ति के लिए अपना श्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास किया।

हेल्पेज इंडिया से मिली मदद

पिछले कुछ दशकों से लक्ष्मी मैती की तकदीर सुधरी है। इसमें एनजीओ हेल्पेज इंडिया HelpAge India का बड़ा योगदान रहा। इस एनजीओ ने उनके जैसी बुजुर्ग महिलाओं के लिए एक स्वयं सहायता समूह ईएसएचजी (ESHG) बनाया। जीवन के 100 साल पूरे कर चुकी लक्ष्मी मैती का घर अब सुसज्ज्ति है और टेलीविजन भी है।

ऐसे पलटी तकदीर

वयोवृद्ध लक्ष्मी मैती ने बताया कि हमारी किस्मत आठ साल पहले तब पलटी जब एनजीओ ने मेरे बेटे को चाय नाश्ते की दुकान चलाने के लिए 40 हजार रुपये का कर्ज दिया। मैती के 64 साल के बेटे गौर ने दमकते चेहरे के साथ कहा, 'मेरी मां सच में देवी दुर्गा का साक्षात स्वरूप है।' उसने कहा कि मां न केवल मेरा पेट भरा बल्कि मेरी बेटी की शादी में भी पैसा दिया। पक्का मकान भी बनाया और अपना कर्ज भी चुकाया। इस उम्र में अधिकांश बच्चे अपनी बूढ़ी मां की देखभाल करते हैं, लेकिन वह कभी मुझ पर निर्भर नहीं रही। वह आयरन वुमन 'लौह महिला' है।

पोता बोला जो पिता मेरे लिए नहीं ला सकते वह दादी लाती है

लक्ष्मी मैती के 28 साल के पोते सुब्रत ने कहा कि मेरे पिता मेरे लिए जो चीज नहीं ला पाते हैं वह मेरी दादी लाती है। यह पूछने पर कि आप रिटायर कब होंगी, लक्ष्मी मैती ने कहा कि इस बारे में अभी कोई विचार नहीं किया है। हेल्पेज इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी अभिजीत सेन ने कहा कि 100 साल की यह महिला युवाओं व बुजुर्गों के लिए प्रेरणादायी है। मैती ने अपना कर्ज भी समय पर चुकाया है। उनके जैसी कई महिलाओं को संस्था की ईएसएचजी स्कीम के तहत वित्तीय सहायता दी गई थी।

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