पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल : सरकारी अस्पताल व एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया दावा

Shiddhant Shriwas
16 Jun 2022 10:49 AM GMT
पश्चिम बंगाल : सरकारी अस्पताल व एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया दावा
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पश्चिम बंगाल में एक सरकारी अस्पताल व एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने दावा किया है कि बकरियों के कानों की उपास्थि (कार्टिलेज) का उपयोग कर कम से कम 25 लोगों के शरीर की विकृति को सफलतापूर्वक ठीक किया गया है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरी साइंसेज के वैज्ञानिकों ने उस कार्टिलेज का इस्तेमाल माइक्रोटिया (बाहरी कान की जन्मजात विकृति), कटे होंठ और दुर्घटनाओं की वजह से होने वाली अन्य शारीरिक विकृतियों के इलाज के लिए किया।

उन्होंने कहा कि उस प्रक्रिया में इलाज की लागत बहुत कम होगी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ रूप नारायण भट्टाचार्य ने कहा, विकृतियों (माइक्रोटिया) को ठीक करने के लिए व्यक्ति को प्लास्टिक सर्जरी से गुजरना पड़ता है।

मानव शरीर में जानवर की कार्टिलेज

जानवरों के शरीर में एक प्रायोगिक उपयोग के बाद, इसे आरजी कर अस्पताल में किसी प्रकार की विकृति (नाक और कान की संरचना) के 25 रोगियों पर लागू करने का फैसला किया गया। भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी सहमति मिलने के बाद, रोगियों ने बकरी के कार्टिलेज का उपयोग करके सर्जरी की और कुछ समय बाद, डॉक्टरों ने उनमें से अधिकांश में बहुत अच्छे नतीजे पाए।

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