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पश्चिम बंगाल
जो लोग अखबार मुफ्त में चाहते हैं, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनका अखबार ईमानदार भी रहे : हरिवंश
Admin2
31 May 2022 12:59 PM GMT
![जो लोग अखबार मुफ्त में चाहते हैं, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनका अखबार ईमानदार भी रहे : हरिवंश जो लोग अखबार मुफ्त में चाहते हैं, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनका अखबार ईमानदार भी रहे : हरिवंश](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/05/31/1661850-50.webp)
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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : अतीत से ही भविष्य बनाने की ताकत मिलती है. ये बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहीं. सोमवार की शाम नेताजी इंडोर स्टेडियम के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेस क्लब, कोलकाता के सहयोग से छपते-छपते द्वारा हिंदी पत्रकारिता पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद वह अपनी बातें रख रहे थे.
उन्होंने बताया कि कैसे अंग्रेजों की नीतियों से दो-दो हाथ करते हुए इस अखबार को महज ढाई साल में ही आठ संपादक देखने पड़े, क्योंकि एक-एक कर इसके सारे संपादक कालापानी की सजा पाते गये. उनके मुताबिक, इस अखबार के सात संपादकों को कुल 94 वर्ष से अधिक की सजा हो गयी.इसी क्रम में हरिवंश ने मौलाना आजाद, गांधी, लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय और भीमराव आंबेडकर आदि द्वारा अखबार निकालने के चुनौतीपूर्ण प्रयासों की भी चर्चा की. उन्होंने 1700 से 2000 के बीच के दौर की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वह विचारों का दौर था. तब के चर्चित प्रेस को उन्होंने विचारों की देन बताते हुए कहा कि इन प्रेस व पत्र-पत्रिकाओं ने वैचारिक स्तर पर समाज को न केवल तैयार किया, बल्कि उसका नेतृत्व किया, उसे ताकत दी और उसे आगे भी बढ़ाया.
हरिवंश ने आगे कहा कि आज का दौर टेक्नोलॉजी का है. इसने सभी भौगोलिक सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए घर-घर अपनी पैठ बना ली है. प्रिंट मीडिया की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम शायद अपनी चुनौतियों को ठीक से पहचान नहीं पा रहे. और अगर इनकी पहचान नहीं हो सकी, तो इनसे निबटना भी काफी मुश्किल होगा. उन्होंने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस से भविष्य में मिलने जा रही चुनौतियों की भी चर्चा की और सवालिया लहजे में कहा कि आखिर अखबार वाले इस मसले पर क्यों नहीं बोल रहे, वे क्यों नहीं इस मुद्दे को उठा रहे.
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