पश्चिम बंगाल

शिक्षक भर्ती घोटाला : 26 घंटे की पूछताछ के बाद ममता बनर्जी के ताकतवर मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने किया गिरफ्तार

Bhumika Sahu
23 July 2022 8:53 AM GMT
शिक्षक भर्ती घोटाला : 26 घंटे की पूछताछ के बाद ममता बनर्जी के ताकतवर मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने किया गिरफ्तार
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शिक्षक भर्ती घोटाला

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आ गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी को 26 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने किया अरेस्ट कर लिया है। ईडी ने उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर रेड के बाद अरेस्ट किया है। अर्पिता चटर्जी को भी हिरासत में लिया गया है। पार्थ के घर के बाहर CRPF को तैनात किया गया है। पार्थ चटर्जी इस समय ममता सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री हैं। रात भर की पूछताछ के बाद पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी दर्शाई गई। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2014 और 2016 में शिक्षकों की भर्ती की गई थी। दो कैंडिडेट्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट में नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED जांच कर रही है।

सूत्रों के अनुसार पार्थ ED का सहयोग नहीं कर रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर छापा मारा था। इस छापेमार कार्रवाई में ईडी को 2 हजार और 500 रुपए के नोटों का अंबार मिला था। इन नोटों की कीमत करीब 21 करोड़ के करीब है। फिलहाल ईडी की कार्रवाई जारी है। अर्पिता मुखर्जी बांग्ला फिल्मों की एक्ट्रेस रही हैं। हालांकि उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। अर्पिता के यहां छापेमार कार्रवाई के साथ शुक्रवार से पार्थ के यहां भी जांच जारी थी। केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक शिक्षा भर्ती घोटाले की जांच के दौरान अर्पिता मुखर्जी की संलिप्तता सामने आई थी। अर्पिता मुखर्जी 2019 और 2020 में पार्थ चटर्जी के दुर्गा पूजा समारोह का मुख्य चेहरा रह चुकी हैं।
गिरफ्तारी होते ही मंत्रीजी की तबीयत बिगड़ी
शनिवार सुबह जैसे ही पार्थ चटर्जी को अपनी गिरफ्तारी की बात पता चली, उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दो डॉक्टर उनके घर पर चेकअप के लिए बुलाए गए। इसके बाद पार्थ को मेडिकल चेकअप के लिए कोलकाता में CGO कॉम्पलेक्स में ले जाया गया। यह छापामारी कलकत्ता हाईकोट के निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले की जांच कर रही ED ने की है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस(TMC) ने इस मामले से खुद को दूर कर लिया है। पार्टी ने अपने बयान में कहा कि छापेमारी में मिले पैसों से उसका कोई लेनादेना नहीं है। जांच में जिन लोगों के भी नाम सामने आ रहे हैं, जवाब देना उनके वकीलों काम है। इस मामले को लेकर ममता बनर्जी बैकफुट पर हैं, जबकि बंगाल भाजपा आक्रमण शैली में आ गई है। ईडी ने अर्पिता के अलावा कई अन्य लोगों के यहां भी छापा मारा है। इनमें माणिक भट्टाचार्य, आलोक कुमार सरकार, कल्याण मॉय गांगुली जैसे नाम शामिल हैं। ED की रडार पर बंगाल के और कई नाम शामिल हैं। माना जा रहा हैकि इनमें से भी कइयों की गिरफ्तारी जल्द होगी। शुक्रवार को ED की टीम ने पार्थ चटर्जी, शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, MLA माणिक भट्टाचार्य के घर समेत 13 जगहों पर छापामार कार्रवाई की थी।
CBI कर रही है जांच
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशों पर CBI पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह 'सी' और 'डी' के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है। वहीं, ED इस घोटाले में मनी लान्ड्रिंग की जांच में जुटी है। पार्थ चटर्जी जब राज्य के शिक्षा मंत्री थे, तब ये गड़बड़ियां हुई थीं। पार्थ इस समय अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल के महासचिव भी हैं। उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है। वे TMC के टिकट पर 2001, 2006, 2011, 2016 और 2021 में लगातार 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं।


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