पश्चिम बंगाल

शिक्षक भर्ती घोटाला: हाईकोर्ट ने ममता के भतीजे पर लगाया 25 लाख का जुर्माना

suraj
18 May 2023 2:35 PM GMT
शिक्षक भर्ती घोटाला: हाईकोर्ट ने ममता के भतीजे पर लगाया 25 लाख का जुर्माना
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फाइल फोटो 

कोलकाता: कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी की शिक्षक भर्ती घोटाले में ED और CBI को उनसे पूछताछ की अनुमति के आदेश पर फिर से विचार करने की अर्जी खारिज कर दी। साथ ही कोर्ट ने अभिषेक पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है।
जस्टिस अमृता सिन्हा ने हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट ने CBI-ED अफसरों पर FIR दर्ज करने पर रोक लगाई थी
13 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने आदेश दिया था कि जरूरत पड़ने पर ED और CBI जैसी केंद्रीय एजेंसियां ​​अभिषेक से पूछताछ कर सकती हैं। साथ ही कहा था कि यह जांच जल्द की जाए। हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को यह भी निर्देश दिया था कि मामले की जांच कर रहे CBI और ED अफसरों पर कोई FIR ना दर्ज की जाए।
कुंतल घोष को ED ने गिरफ्तार किया था और उसे उनकी कस्टडी दी गई थी। इसके बाद 20 फरवरी से 23 फरवरी तक CBI की कस्टडी में भेजा गया था।
कुंतल घोष को ED ने गिरफ्तार किया था और उसे उनकी कस्टडी दी गई थी। इसके बाद 20 फरवरी से 23 फरवरी तक CBI की कस्टडी में भेजा गया था।
अभिषेक बनर्जी ने 2 आरोप लगाए थे
1. घोटाले में मेरा नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा
29 मार्च को अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि एजेंसियों की कस्टडी में लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वो घोटाले में मेरा नाम ले लें। इस केस में एक अन्य आरोपी कुंतल घोष ने भी आरोप लगाया था कि उन पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए प्रेशर बनाया जा रहा है।
कुंतल घोष ने अपने आरोपों के संबंध में CBI के खिलाफ निचली अदालत के जज को खत भी लिखा था। इस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि इस बात की जांच करनी होगी कि क्या घोष ने अपनी बात अभिषेक बनर्जी की स्पीच से प्रभावित होकर तो नहीं कही। ऐसे में CBI-ED जब चाहे अभिषेक से पूछताछ कर सकती है।
2. सुप्रीम कोर्ट से कहा था- जांच का आदेश देने वाले जज को मैं पसंद नहीं
बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट के जज गंगोपाध्याय उन्हें पसंद नहीं करते। उन्होंने पिछले साल सितंबर में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी नापसंदगी जाहिर की थी। बनर्जी ने यह भी कहा कि जस्टिस गंगोपाध्याय ने ओपन कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर कमेंट किया था कि सुप्रीम कोर्ट के जज जो चाहें कर सकते हैं? क्या यह जमींदारी है?
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला
पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता के घर से जब्त किए गए 2000 रुपए और 500 के नोटों का अंबार। इन्हें गिनने के लिए ED मशीन मंगानी पड़ी थी।
पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता के घर से जब्त किए गए 2000 रुपए और 500 के नोटों का अंबार। इन्हें गिनने के लिए ED मशीन मंगानी पड़ी थी।
बंगाल में हुआ यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं।
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन कैंडिडेट के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में टॉप पर रखा गया। कुछ कैंडिडेट का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। ऐसे लोगों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने TET परीक्षा भी पास नहीं की थी।
CBI ने पिछले साल 30 सितंबर को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ED ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।
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