पश्चिम बंगाल

शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, इस याचिका को किया खारिज

HARRY
10 Aug 2022 10:48 AM GMT
शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, इस याचिका को किया  खारिज
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सारदा चिटफंड मामले में बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर इस मामले में शुभेंदु अधिकारी से पूछताछ की मांग की गई थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील धीरज त्रिवेदी ने कोर्ट को बताया कि जांच जारी है. कई जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं और जरूरत पड़ने पर सभी को बुलाया जाएगा. इसके बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को मामले को खारिज कर दिया. बता दें कि तृणमूल छोड़ने के बाद शुभेंदु अधिकारी कई बार सत्ताधारी दल के नेताओं और मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि सारदा और नारद जांच में केंद्रीय जांच एजेंसी शुभेंदु अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाए.

दिसंबर 2020 में जेल से लिखे एक पत्र में सारदा प्रमु्ख सुदीप्त सेन ने दावा किया था कि शुभेंदु ने उनसे 'अवैध रूप से' पैसे लिए थे. इस पत्र को सामने रखते हुए तृणमूल ने नंदीग्राम विधायक के खिलाफ आवाज उठाई. शुवेंदु ने इस आरोप को खारिज कर दिया.
सारदा जांच में शुवेंदु अधिकारी से पूछताछ की मांग को लेकर हाल ही में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. यह मुकदमा वकील रामप्रसाद सरकार ने दायर किया था. कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने बुधवार को मामले को खारिज कर दिया. सारदा कांड सामने आने के बाद आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में तृणमूल के तत्कालीन सांसद शुभेंदु अधिकारी समेत कई अन्य तृणमूल नेताओं का नाम था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा चलाए जा रहे इस मामले में सत्तारूढ़ दल के कई नेताओं-मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को पहले ही पूछताछ हो चुकी है और कई गिरफ्तार भी हुए थे, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी ने अभी तक शुभेंदु अधिकारी को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है.
जनहित मामले की सुनवाई के दौरान वकील रामप्रसाद सरकार ने सवाल किया, "सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन ने पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर अवैध रूप से पैसे लेने का आरोप लगाया है. उसके बाद भी सीबीआई ने अब तक विपक्षी नेता को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है. हालांकि इसी मामले में अन्य प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार किया गया है." वहीं शुभेंदु के वकील राजदीप मजूमदार ने कहा, "घटना करीब नौ साल पहले की है. लेकिन सुदीप्त ने वह पत्र विधानसभा चुनाव से पहले लिखा था. इसलिए उस पत्र के पीछे क्या कोई राजनीतिक मकसद है, यह देखना होगा."
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