पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के बीच कक्षा आठवीं से 12वी तक के स्कूल खुले

Bhumika Sahu
3 Feb 2022 5:26 AM GMT
पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के बीच कक्षा आठवीं से 12वी तक के स्कूल खुले
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West Bengal School Reopen: बंगाल में आठवीं से 12वी तक के स्कूल खुल (West Bengal School Reopening) गए हैं. स्कूल खुलने के बाद छात्रों में एक बार फिर खुशी का माहौल है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के बीच कक्षा आठवीं से 12वी तक के स्कूल खुल (West Bengal School Reopening) गए हैं. स्कूल खुलने के बाद छात्रों में एक बार फिर खुशी का माहौल है. सरस्वती पूजा (Sarswati Puja) के पहले गुरुवार से राज्य में स्कूल-कॉलेज-विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थान खुल गये हैं. छात्र फिर से अपनी कक्षाओं में लौट गए हैं. इसकी तैयारी दो दिन पहले ही शुरू हो चुकी था. एक तरफ जहां छात्रों को कोरोना के नियमों का पालन कराने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. स्कूलों में सोशल डिस्टैंसिंग (Social Distancing) का पालन किया जा रहा है और बच्चों के स्कूल में प्रवेश करने के पहले उनका तापमान चेक किया जा रहा है. स्कूलों में भी बच्चों को अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गई है.

बता दें कि राज्य में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 16 मार्च, 2020 को बंद थे, फिर 12 फरवरी 2021 को नौवीं से बारहवीं कक्षा की कक्षाएं शुरू हुईं, लेकिन 20 अप्रैल 2021 से फिर से स्कूल बंद कर दिया गया. शिक्षा मंत्री पर्थ चटर्जी ने पहले कोविड की दूसरी लहर (पश्चिम बंगाल कोविड प्रतिबंध) के कारण गर्मी की छुट्टी की घोषणा की थी. फिर 17 नवंबर, 2021 को नौवीं से बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल फिर से खुल गया, लेकिन 3 जनवरी 2022 को फिर से तीसरी लहर के बल पर स्कूल को फिर से बंद कर दिया गया था.
स्कूल में सोशल डिस्टैंसिंग का हो रहा है पालन
बालीगंज शिक्षा सदन के वाइस प्रिंसिपल ने कहा, 'स्कूल खुले हैं. यह बहुत ही अच्छी बात है. स्कूल आकर बच्चे काफी खुश हैं. स्कूल के गेट पर हम कोविड नियम का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जा रहा है. स्कूल की सभी सीढ़ियों को आवंटित कर दिया गया है. यह निर्दिष्ट किया गया है कि कौन सी कक्षा का छात्र किस सीढ़ी से कक्षा में जाएगा. टिफिन में भी छात्र अपनी सीट से नहीं उठेंगे. उन्हें सैनिटाइजर साथ रखने को कहा गया है. विभिन्न स्थानों पर फुट सैनिटाइजर लगाए गए हैं. सूखा टिफिन लाने को कहा. टिफिन शेयर करना मना है."
पांचवीं से सातवीं तक 'पाड़ाय शिक्षालय
स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि 'पाड़ाय शिक्षालय' (मोहल्ले में शिक्षा केंद्र) नामक परियोजना के तहत शब्द ज्ञान, अंकगणित, कहानी सुनाना, कविता, गायन और नृत्य तथा अन्य विषयों की कक्षाएं संचालित होंगी. जारी अधिसूचना के अनुसार, कोविड सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए दो पालियों में- पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक और अपराह्न डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक कक्षाएं संचालित की जाएंगी. शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु ने कहा कि 'पाड़ाय शिक्षालय' परियोजना में 50,159 स्कूल शामिल होंगे जिसमें स्कूल की इमारत के पास वाले खुले मैदान में कक्षाएं संचालित होंगी.
स्कूलों को लेकर बच्चों में काफी उत्साह
उन्होंने बताया कि वहां दो लाख नियमित शिक्षक और 21 हजार निविदा शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगें. उन्होंने कहा कि इससे लगभग 60 लाख बच्चों को फायदा होगा. शिक्षाविद पवित्र सरकार ने कहा कि इस परियोजना से कोई सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, ऐसा नहीं लगता.ब्रात्य बसु ने कहा क‍ि मुझे नहीं पता कि इसके लिए आवश्यक अवसंरचना बनाई जा सकती है या नहीं. एसएफआई के प्रदेश महासचिव सृजन भट्टाचार्य ने कहा कि यह परियोजना केवल एक नौटंकी है और इतने सारे छात्रों के लिए कक्षा चलाने के वास्ते अवसंरचना उपलब्ध नहीं है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सचिव सप्तर्षि सरकार ने कहा कि गंभीर चर्चा किये बिना 'पाड़ाय शिक्षालय' परियोजना की घोषणा कर दी गई और केवल नियमित कक्षाओं से ही छात्रों का भला हो सकता है.


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