पश्चिम बंगाल

रवींद्रनाथ टैगोर का चोरी हुए नोबेल पुरस्कार को अभी तक ढूंढा न जा पाना बंगाल के लोगों का अपमान है : ममता बनर्जी

Ritisha Jaiswal
10 May 2022 9:58 AM GMT
रवींद्रनाथ टैगोर का चोरी हुए नोबेल पुरस्कार को अभी तक ढूंढा न जा पाना बंगाल के लोगों का अपमान है : ममता बनर्जी
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रवींद्रनाथ टैगोर जयंती: ममता बनर्जी ने दी श्रृद्धांजलि, कहा- चोरी हुए नोबेल का पता न लगा पाना बंगाल के लोगों का अपमानममता बनर्जी ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर का चोरी हुए नोबेल पुरस्कार को अभी तक ढूंढा न जा पाना बंगाल के लोगों का अपमान है।

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती: ममता बनर्जी ने दी श्रृद्धांजलि, कहा- चोरी हुए नोबेल का पता न लगा पाना बंगाल के लोगों का अपमानममता बनर्जी ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर का चोरी हुए नोबेल पुरस्कार को अभी तक ढूंढा न जा पाना बंगाल के लोगों का अपमान है।

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती पर उन्हें श्रृद्धांजलि देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उन्हें मिले नोबेल पुरस्कार को अभी भी ढूंढा नहीं जा सका है जो 18 साल पहले चोरी हुआ था। बनर्जी ने कहा कि सीबीआई की यह विफलता बंगाल की जनता का बड़ा अपमान है।
ममता ने कहा, 'यह हमें मिला पहला नोबेल था और किसी ने इसे हमसे छीन लिया। यह हमारा बहुत बड़ा अपमान है।' टैगोर को साल 1913 में गीतांजलि के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था। वह पहले एशियाई थे जिन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था। गीताजंलि टैगोर की कविताओं का एक संकलन है।
बनर्जी ने कहा कि महान कवि अपने काम के माध्यम से हमेशा जीवित रहेंगे। उन्होंने कहा, 'याद रखिए कि रवींद्रनाथ टैगोर को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। चोरी हुआ नोबेल पुरस्कार हमारे दिलों में अंकित है। कविगुरु केवल एक ही हो सकता है।'
देश की एकता पर टैगोर की कविताओं का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा कि आज जब हम विभाजनकारी शक्तियां हमें बांटने की बात करती हैं, हम उस राष्ट्रगान की पंक्तियों को याद करते हैं जिन्हें टैगोर ने लिखा था। उन्होंने कहा कि टैगोर ने एकता को बढ़ावा देने के लिए और ब्रिटिश शासकों की नीतियों के खिलाफ राखी बंधन का आयोजन किया था।


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