पश्चिम बंगाल

नागरिक संगठन बांग्लादेश सरकार पर कार्रवाई करने को लेकर दबाव, सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के नेता ने दिया बयान

Shiddhant Shriwas
11 Jun 2022 11:13 AM GMT
नागरिक संगठन बांग्लादेश सरकार पर कार्रवाई करने को लेकर दबाव, सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के नेता ने दिया बयान
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भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा की पैंगम्बर मोहम्मद साहब को लेकर की गई कथित टिप्पणी को लेकर विवाद गहराता ही जा रहा है। भारत के अलग-अलग राज्यों में नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी और कार्रवाई को लेकर मुस्लिम समाज विरोध जता रहा है। बीते शुक्रवार को कई राज्यों में इसे लेकर पत्थरबाजी भी की गई। इस बीच पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी सरकार पर इस मामले में कार्रवाई को लेकर दबाव है। बांग्लादेश में सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के एक नेता ने इसे स्वीकारते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर यहां भी सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव है। उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश की अधिकांश जनता मुस्लिम है, देश में सक्रिय हो रही विघटनकारी ताकतें ऐसी स्थिति का लाभ उठाने और समाज में अव्यवस्था पैदा करने की कोशिश कर सकती हैं।

सरकार पर कार्रवाई को लेकर है दबाव

बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग की धार्मिक मामलों की उप समिति के चेयरमैन और परामर्श समिति के सदस्य खांडाकार गौलम मौला नक्शबंदी ने ढाका पहुंचे भारतीय पत्रकारों से कहा कि भारत में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी मामले में उलेमा, सूफी और नागरिक संगठन बांग्लादेश सरकार पर कार्रवाई करने को लेकर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने आगे कि हालांकि पीएम शेख हसीना जानती हैं कि इससे कैसे निपटना है, वे बेहद अनुभवी हैं।

भारत-बांग्लादेश हैं दोस्त, लेकिन टिप्पणी का असर यहां भी

खांडाकार गौलम मौला नक्शबंदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश और स्थानीय स्तर की ओछी राजनीति के कारण कई बार मुद्दे उभरते हैं, लेकिन इन पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है और कार्रवाई में देरी से स्थिति खराब होती है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत बांग्लादेश का मित्र है और कठिन समय पर भारत मदद भी करता है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्राथमिक रूप से यह भारत का निजी मामला है, लेकिन इस तरह की घटनाओं का असर बांग्लादेश के नागरिकों पर भी होता है। प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि किसी को भी इस तरह के बयानों से बचना चाहिए, ये किसी की भी भावना को ठेस पहुंचा सकते हैं।

भाजपा नेताओं पर देर से हुई कार्रवाई

खांडाकार गौलम मौला नक्शबंदी ने यह भी कहा कि इस मामले में भारत में भाजपा नेताओं के खिलाफ जो भी कार्रवाई हुई वह बहुत देर से हुई। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि खाड़ी देशों के दबाव में आकर भारत में उनके खिलाफ कदम उठाया गया। उन्होंने कहा कि हसीना सरकार स्थिति को समझ रही है। इसे लेकर विचार-विमर्श के बाद ही कोई बयान जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये सही है कि कई अंतरराष्ट्रीय ताकतें भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों को खराब करने का प्रयास कर रही हैं।

भारत में कई शहरों में बवाल

गौरतलब है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर कई शहरों में बवाल हुआ। इस दौरान प्रदर्शन, हिंसा, पत्थरबाजी और आगजनी की भी घटनाएं हुईं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, झारखंड के रांची और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में सबसे ज्यादा बवाल हुआ।

प्रयागराज में उपद्रवियों के पथराव और आगजनी में आईजी समेत 18 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एसएसपी और डीएम को भी चोट आई। झारखंड की राजधानी रांची में हिंसा में 25 लोग घायल हुए हैं। यहां पुलिस की गोली से दो उपद्रवियों की मौत भी हुई है। पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हावड़ा में शुक्रवार को शुरू हुआ बवाल शनिवार को भी जारी है। यहां उपद्रवियों के पथराव में 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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