पश्चिम बंगाल

बंगाल के आगजनी प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिकों को बुलाया जाना चाहिए

Shiddhant Shriwas
14 Jun 2022 2:32 PM GMT
बंगाल के आगजनी प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिकों को बुलाया जाना चाहिए
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नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध के नाम पर लूट और आगजनी की घटनाओं को रोकने में ममता बनर्जी सरकार निष्क्रिय है। उन्होंने कहा कि हिंसा को रोकने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को बुलाया जाना चाहिए। सुवेंदु अधिकारी ने छह निलंबित विधायकों के साथ विधानसभा कक्ष के प्रवेश द्वार पर धरना दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राज्य के हालात को देखते हुए मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और शीर्ष नौकरशाहों की उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई जानी चाहिए।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हम शांतिप्रिय लोग हैं। उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए। नौकरशाही को सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए और किसी राजनीतिक पार्टी या उसके नेताओं के इशारे पर काम नहीं करना चाहिए, बल्कि निष्पक्ष होकर अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन जिलों के समस्याग्रस्त इलाकों में शांति स्थापित करने के लिए पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की जानी चाहिए। जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक होगी, तो उन्होंने कहा कि यह (तृणमूल कांग्रेस) सरकार विपक्ष को समायोजित करने में भरोसा नहीं करती। इसने विरोध के स्वर को दबाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके से नेता प्रतिपक्ष सहित हमारे सात विधायकों को निलंबित कर दिया है।
तृणमूल सरकार लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती :
उन्होंने राज्य सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि यह (तृणमूल सरकार) लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती। यह केवल तुष्टिकरण की राजनीति जानती है। उन्होंने कहा कि इसलिए अगर कोई सर्वदलीय बैठक होती है तो उसमें शामिल होने का कोई गुण या मायने नहीं है, वह केवल दिखावा होगा। अधिकारी ने मार्क्सवादी नेता मोहम्मद सलीम और कांग्रेस नेता अधीर चौधरी पर भी उनके धर्मनिरपेक्षता के प्रति जुनून को लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने वर्ष 2021 के चुनाव से पहले मार्क्सवादी नेता की इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता अब्बास सिद्दीकी से गठबंधन करने की वकालत का संदर्भ देते हुए सवाल किया कि अब सलीम कहा हैं?
विधानसभा कक्ष के प्रवेश द्वार पर धरना दिया :
अधिकारी ने भाजपा के निलंबित विधायकों शंकर घोष, मनोज टिग्गा और नरहरि महतो के साथ विधानसभा कक्ष के प्रवेश द्वार पर धरना दिया। अधिकारी और छह अन्य विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने मार्च में सदन की सुचिता को भंग करने और सत्तारूढ़ तृणमूल विधायकों से कथित हाथापाई करने पर पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।
भाजपा नेता ने कहा कि यह सरकार जनता की शिकायतों को आवाज देने के हमारे अधिकार को छीन रही है। यह जनप्रतिनिधियों को मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दे रही है। यह नेता प्रतिपक्ष को विधानसभा की कार्यवाही से अलग कर रही है। इसलिए हम इस तरह विधानसभा के बाहर बैठने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के अन्य सदस्य सत्र में हिस्सा लेना जारी रखेंगे और ममता बनर्जी सरकार को उसकी गलतियों को छिपाने नहीं देंगे। भाजपा के निलंबित विधायकों ने राज्य में लूट और आगजनी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ नारे लगाए।


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