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पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल हुए नेताजी की झांकी, केंद्र सरकार ने शामिल करने से कर दिया था मना
Renuka Sahu
26 Jan 2022 6:19 AM GMT
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फाइल फोटो
पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस पर रेड रोड पर कड़ी सुरक्षा और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गणतंत्र दिवस परेड और समारोह का आयोजन किया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) पर रेड रोड पर कड़ी सुरक्षा और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गणतंत्र दिवस परेड और समारोह का आयोजन किया गया है. इस अवसर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता के रेड रोड पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया. इस अवसर पर सीएम ममता बनर्जी, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस अवसर पर राज्यपाल ने परेड की सलामी ली. इस परेड का मुख्य आकर्षण नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) के 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज (Azad Hind Fauj) के योगदान से जुड़ी पश्चिम बंगाल (West Bengal) की झांकी रही, जिसे दिल्ली की परेड में शामिल नहीं किया गया था. इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया.
केंद्र सरकार के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने हैरानी जताई था. ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था. ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि झांकी को खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया और इस फैसले से लोग काफी ''आहत'' हुए हैं.
मात्र 30 मिनट का हुआ कार्यक्रम
कोरोना महामारी के कारण रेड पर गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मात्र 30 मिनट का हुआ और इसमें दर्शकों के प्रवेश पर रोक दी. गणतंत्र दिवस समारोह के आरंभ के पहले ममता बनर्जी पहुंची और रेड रोड पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी पहुंचें और उन्होंने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की और उनका अभिवादन किया. उसके बाद तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली. इस अवसर पर बाऊल नृत्य और संगीत का आयोजन किया गया था. इसके साथ ही ही झांकी का सबसे आकर्षण नेता सुभाष चंद्र बोस की झांकी थी.
नेताजी की 125वीं जयंती पर शामिल हुई झांकी
झांकी का विषय नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके INA की 125वीं जयंती पर उनके योगदान को याद करना था. महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को याद करते हुए उनके चित्रों को झांकी में शामिल किया गया था, लेकिन बंगाल सीएम के मुताबिक इसे केंद्र की तरफ से अस्वीकार कर दिया गया है. इस पर पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा था कि इसका बहिष्कार इन स्वतंत्रता सेनानियों के महत्व को कम आंकने के बराबर है. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अब नेताजी को लेकर झांकी बनाई गई थी. यह 52 फीट लंबा, 11 फीट चौड़ा, 18 फीट ऊंचा था. इसे लेकर लोगों में काफी आकर्षण था.
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