पश्चिम बंगाल

नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या, तृणमूल नेता ने की सबूत मिटाने की कोशिश, बेटे पर है बलात्कार का आरोप

Rani Sahu
30 April 2022 3:43 PM GMT
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या, तृणमूल नेता ने की सबूत मिटाने की कोशिश, बेटे पर है बलात्कार का आरोप
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पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के हंसखाली गांव में इस महीने की शुरुआत में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मुख्य आरोपी ब्रजगोपाल गोयली के पिता समरेंद्र गोयली ने बेटे की हरकतों को छुपाने के लिए सबूत मिटाने की कोशिश की

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के हंसखाली गांव में इस महीने की शुरुआत में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मुख्य आरोपी ब्रजगोपाल गोयली के पिता समरेंद्र गोयली ने बेटे की हरकतों को छुपाने के लिए सबूत मिटाने की कोशिश की. समरेंद्र तृणमूल कांग्रेस के नेता और पंचायत सदस्य हैं. लड़की की बाद में मौत हो गई थी. मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने एक जिला अदालत को बताया है कि कैसे समरेंद्र गोयली ने अपने बेटे के कुकर्मो को छिपाने के लिए सत्ताधारी पार्टी के नेता और पंचायत सदस्य के रूप में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया.

जांच में शामिल सीबीआई के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि ब्रजगोपाल, जो केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में है, उसने पूछताछ के दौरान 14 साल की लड़की के साथ 4 अप्रैल को हुए सामूहिक दुष्कर्म में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है.
सीबीआई अधिकारी ने कहा, "उसके साथी भी पीड़िता के घर गए और परिवार के सदस्यों को कुछ भी बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. पीड़िता की मौत के बाद समरेंद्र गोयली ने पहल की कि बिना किसी देरी के एक स्थानीय श्मशान में शव का अंतिम संस्कार करवा दिया, वह भी किसी डॉक्टर से मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाए बिना."
शनिवार को जब समेंद्र गोयली को जिला अदालत में पेश किया गया, तो मीडियाकर्मियों ने मामले में उनकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ की. गोयली ने कहा, "मैं आज कुछ नहीं कहूंगा. जो कुछ भी मुझे कहना है, 3 मई को या उसके बाद ही कहूंगा."
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस घटना को लव-एंगल ट्विस्ट दिए जाने के बाद से इस नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. कलकत्ता हाईकोर्ट कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने 13 अप्रैल को मामला दर्ज किया था.
इस मामले में अब तक कुल पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें मुख्य आरोपी ब्रजगोपाल गोयली और उसके पिता समरेंद्र गोयली शामिल हैं.


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