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प्लांट के जरिए बिजली बनाने में किया जा सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : महानगर से हर रोज निकलने वाले 4 हजार मैट्रिक टन कचरा को कोलकाता नगर निगम अब बायोमाइनिंग पद्धति के जरिये खत्म करेगा।इसके तहत यहां मौजूद कचरे को छांटकर उपयोग लायक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही बायोमाइनिंग के जरिये अलग किये गये कचरों को डंप साइट से कूड़े को निकालकर कंपोस्ट को अलग किया जाएगा।इसके बाद बचे हुए कूड़े से रिफ्यूज्ड डेराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) को छांटा जाएगा। इसका इस्तेमाल गैसिफायर या एनर्जी प्लांट के जरिए बिजली बनाने में किया जा सकता है।इसके अलावा कंपोस्टेबल मैटीरियल का इस्तेमाल खाद के रूप में, प्लास्टिक के इस्तेमाल से सड़क और दूसरे पदार्थों के साथ इसका मिश्रण कर ब्रिक्स बनाने के लिए भी किया जाएगा।
इससे बनने वाली सड़कें बारिश में खराब नहीं होती हैं। ऐसे में कोलकाता नगर निगम इस पद्धति से जुड़ने जा रहा है।
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