पश्चिम बंगाल

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता बनर्जी सक्रिय, दिल्ली में बुलाई विपक्षी दलों की कॉन्फ्रेंस

jantaserishta.com
11 Jun 2022 1:42 PM GMT
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता बनर्जी सक्रिय, दिल्ली में बुलाई विपक्षी दलों की कॉन्फ्रेंस
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कोलकाता: देश में सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति के चुनाव (Presidential Elections India 2022) के लिए रणभेरी बज गई है. चुनाव आयोग ने इसकी तारीखों का भी ऐलान कर दिया है जिसके मुताबिक 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा. इस चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है.

लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले राष्ट्रपति चुनाव देश में एनडीए गठबंधन और विपक्ष के लिए एक दूसरे को एकता और ताकत दिखाने का मौका है. इस चुनाव से जो माहौल बनेगा उसका असर लोकसभा चुनाव की रणनीति और खेमेबंदी में दिखाई पड़ सकता है.
देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस चुनाव को लेकर कोई कदम उठाती उससे पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने 15 जून को विपक्षी दलों की एक संयुक्त कॉन्फ्रेंस बुलाई है. उन्होंने इसमें गैर एनडीए दलों और विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया है. यह कॉन्फ्रेंस कांस्टीट्यूशन क्लब में होगी.
जिन प्रमुख नेताओं को इसमें बुलाया गया है इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, उद्धव ठाकरे सहित विपक्ष के तमाम नेताओं के नाम शामिल हैं.
जिनको निमंत्रण भेजा गया है उन नेताओं के नाम
1- केरल के सीएम पिनारी विजयन
2- ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक
3-तेलंगाना के सीएम केसीआर
4- तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन
5-महाराष्ट्रे के सीएम उद्धव ठाकरे
6- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
7-झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
8- पंजाब के सीएम भगवंत मान
9- आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव
10- सीपीआई के महासचिव डी. राजा
11- समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव
12- एनसीपी नेता शरद पवार
13- आरएलडी नेता जयंत चौधरी
14- जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी
15- जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा
16- नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला
17- पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती
18- अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल
19- एसडीएफ के अध्यक्ष पवन चामलिंग
21-आईयूएमएल के अध्यक्ष केएम केदार मोहिद्दीन
एनडीए के लिए सिरदर्द
अभी तक की स्थिति के हिसाब से बीजेपी के अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए के पास राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के लिए 10 हजार के आसपास वोट कम पड़ रहे हैं. इन वोटों की कमी ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर पूरी कर सकती है. जगन मोहन रेड्डी ने कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी से मिल चुके हैं. खास बात ये है कि दोनों ही पार्टियों ने साल 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था. लेकिन ममता बनर्जी ने इन दोनों नेताओं को भी न्योता भेजा है. अगर ये दोनों इस कॉन्फ्रेंस में गए और ममता बनर्जी इनको मनाने में कामयाब हो जाती हैं तो एनडीए के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.
कांग्रेस के लिए भी टेंशन
साल 2019 को लोकसभा चुनाव में भी हम देख चुके हैं कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र की राजनीति में एक धुरी बनने के लिए किस तरह से कवायद की थी. राष्ट्रपति चुनाव में भी उनकी सक्रियता एक तरह से कांग्रेस के लिए टेंशन है. आगे बढ़कर खुद से विपक्षी दलों की कॉन्फ्रेंस बुलाना एक तरह से संकेत है कि वो केंद्र की राजनीति में अगुवाई करने की इच्छा रखती हैं. बात करें राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की तो कांग्रेस के अगुवाई वाले यूपीए के पास एनडीए की तुलना में वोटों का बड़ा गैप है. उसको इस चुनौती से निपटने के लिए समूचे विपक्ष को एकजुट करना होगा. अब देखने वाली बात ये होगी कि ममता बनर्जी की सक्रियता पर कांग्रेस का क्या रुख रहता है.
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