पश्चिम बंगाल

साइरस मिस्त्री के निधन पर ममता बनर्जी ने शोक जताया

Rani Sahu
5 Sep 2022 3:29 PM GMT
साइरस मिस्त्री के निधन पर ममता बनर्जी ने शोक जताया
x
कोलकाता, चार सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर शोक व्यक्त किया।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में रविवार दोपहर मिस्त्री की कार एक 'डिवाइडर' से टकरा गई और इस हादसे में 54 वर्षीय उद्योगपति की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने ट्वीट किया, "साइरस मिस्त्री की असामयिक मृत्यु से स्तब्ध हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं, मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवार को इससे उबरने की शक्ति मिले। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
इंडिया इंक ने भी टाटा संस के पूर्व चेयरमैन के निधन पर शोक जताया। उसने कहा कि व्यापार जगत में उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों द्वारा याद किया जाएगा।
भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एन. जी. खेतान ने कहा कि मिस्त्री कारोबारी समुदाय के लिए प्रेरणा स्रोत थे। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उन्होंने कहा, "उनके (मिस्त्री के) प्रगतिशील विचार और औद्योगिक विकास के लिए प्रौद्योगिकीय प्रगति को लागू करने का आग्रह उनकी सफलता के रहस्य थे। शापूरजी पल्लोनजी समूह के प्रमुख और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारत और विदेशों में बड़ी इंजीनियरिंग परियोजनाओं में योगदान दिया। ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
एसोचैम की वरिष्ठ निदेशक परमिंदर जीत कौर ने कहा, मिस्त्री चाहते थे कि भारत आर्थिक सफलता के शिखर पर पहुंचे।
उन्होंने कहा, " मिस्त्री की आकस्मिक मृत्यु इंडिया इंक के लिए चौंकाने वाली खबर है। व्यापार जगत में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेगा।"
मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ऋषभ सी कोठारी ने मिस्त्री की मृत्यु से दुखी होकर कहा कि भारत ने एक चमकता सितारा खो दिया।
उन्होंने कहा, "साइरस मिस्त्री की असामयिक मृत्यु की खबर सुनकर हम बेहद दुखी हैं। ईमानदारी, शालीनता और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी की भावना वाले एक व्यक्ति की इतनी कम उम्र में मृत्यु हो जाने से भारत ने एक चमकता सितारा खो दिया।"
मिस्त्री ने वर्ष 2012 में 44 साल की उम्र में टाटा समूह की प्रतिनिधि कंपनी टाटा संस की बागडोर संभाली थी। वह इस पद पर चार साल रहे और अक्टूबर 2016 में निदेशक मंडल के साथ मतभेद होने के बाद उन्हें अचानक ही पद से हटा दिया गया था।
Next Story