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Kolkata: अभीक दे और विरूपाक्ष विश्वास फिर से परिषद में लोटे
कोलकाता: कर मेडिकल कॉलेज के विवाद के बाद राज्य मेडिकल काउंसिल से बाहर किए गए डॉक्टर अभीक दे और विरूपाक्ष विश्वास अब फिर से परिषद में लौट आए हैं। काउंसिल ने उनके खिलाफ पहले लिए गए निर्णय को वापस लेते हुए कहा कि वह निर्णय कानूनी आधार पर नहीं था, बल्कि परिस्थितियों के दबाव में लिया गया था। इस निर्णय ने चिकित्सा संगठनों को नाराज कर दिया है, जो इसे 'प्रहसन' करार दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि एक दिन पहले ही यह फैसला लिया गया है।
मेडिकल काउंसिल की बैठक में शामिल होने के बाद अभीक दे और विरूपाक्ष विश्वास की वापसी को लेकर डॉक्टरों के संगठन ‘जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा कि चार महीने पहले काउंसिल की बैठकों से बाहर किए गए इन डॉक्टरों को अब फिर कैसे शामिल कर लिया गया। संगठन के सदस्य परिषद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
नौ अगस्त 2024 को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा का शव संदिग्ध स्थिति में पाया गया था। उस पर दुष्कर्म और हत्या के आरोप लगे थे। इस घटना के बाद सरकारी अस्पतालों में 'दादागिरी' और अनुचित प्रभाव के आरोप सामने आए। इन आरोपों में अभीक दे और विरूपाक्ष विश्वास के नाम भी उछले थे।
एसएसकेएम अस्पताल से जुड़े अभीक दे की उस समय आर.जी. कर अस्पताल में मौजूदगी पर सवाल उठे थे। वह उस अस्पताल से जुड़े नहीं थे, फिर भी वहां उनकी उपस्थिति पर विवाद हुआ। एसएसकेएम में उनके पीजी दाखिले पर भी सवाल खड़े हुए थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया था। सीबीआई ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया था।