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पश्चिम बंगाल
पार्टी के संगठनात्मक मामलों का जायजा लेने जून में दो दिवसीय दौरे पर बंगाल जाएंगे जेपी नड्डा
Renuka Sahu
26 May 2022 2:53 AM GMT
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फाइल फोटो
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पार्टी के संगठनात्मक मामलों का जायजा लेने के लिए जून में पश्चिम बंगाल का दौरा करने की संभावना है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पार्टी के संगठनात्मक मामलों का जायजा लेने के लिए जून में पश्चिम बंगाल का दौरा करने की संभावना है. उनका यह दौरा ऐसे समय होने जा रहा है, जब पार्टी राज्य में आंतरिक कलह से जूझ रही है और उसके नेता एक के बाद एक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो रहे हैं. इस दौरान भाजपा अध्यक्ष पार्टी सांसदों और विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. इसके अलावा वह बंगाल में पार्टी इकाई की नई कार्यसमिति की पहली बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में नड्डा का दो दिवसीय दौरा 7 जून से होगा.
गौरतलब है कि भाजपा सांसद अर्जुन सिंह हाल ही में पार्टी छोड़ कर टीएमसी में लौट गए हैं, जिससे राज्य में भगवा खेमे को बड़ा झटका लगा है. साथ ही पार्टी की राज्य इकाई अंदरूनी कलह से भी जूझ रही है. सूत्रों ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ध्यान राष्ट्रपति चुनाव से पहले राज्य में पार्टी के सांसदों और विधायकों की संख्या को एकजुट रखने पर होगा. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि वह जून में बंगाल आएंगे. उनका यह दौरा मुख्य रूप से पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए हो रहा है.'
बता दें कि दिल्ली में पार्टी की बैठक के बाद बूथ-स्तरीय संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए दिलीप घोष को बिहार, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, असम, ओडिशा, त्रिपुरा और अंडमान और निकोबार द्वीप की जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य घोष को अन्य राज्यों में जिम्मेदारी देने के साथ-साथ बंगाल में पार्टी मामलों के प्रबंधन का काम सुकांत मजूमदार को सौंपना था. सांसद मजूमदार को पिछले साल सितंबर में राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि घोष को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था.
इस संबंध में मजूमदार ने कहा, 'घोष बंगाल के नेता हैं और उन्हें यहां पार्टी संगठन बनाने का श्रेय जाता है. अब उन्हें बंगाल से बाहर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है. यह सामान्य बात है.'
उल्लेखनीय है कि घोष ने अनुभव की कमी को लेकर राज्य के नए नेतृत्व की आलोचना की थी. इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सांसद अर्जुन सिंह के पार्टी छोड़ने के मद्देनजर पार्टी के पुनर्गठन के लिए बैरकपुर में एक संगठनात्मक बैठक की.
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