पश्चिम बंगाल

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभाध्यक्ष को भेजा पत्र, BSF से जुड़े प्रस्ताव पर ब्यौरा मांगा

Kunti Dhruw
20 Nov 2021 8:21 AM GMT
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभाध्यक्ष को भेजा पत्र, BSF से जुड़े प्रस्ताव पर ब्यौरा मांगा
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को विधानसभा की उस कार्यवाही का ब्यौरा मांगा।

कोलकाता, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को विधानसभा की उस कार्यवाही का ब्यौरा मांगा। जिसमें केंद्र द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। साथ ही सीबीआई एवं ईडी के खिलाफ पारित विशेषाधिकार प्रस्ताव की भी जानकारी मांगी।

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को लिखे पत्र को राज्यपाल ने ट्विटर पर साझा किया।धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा, ''पश्चिम बंगाल विधानसभा में पिछले सत्र की कार्यवाही के दौरान राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा सदन की कार्यवाही संचालित करने की प्रक्रिया के लिए नियम 169 के तहत पेश प्रस्ताव और सदन द्वारा उसे पारित किए जाने के साथ ही बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी और तापस राय द्वारा 17 नवंबर को पेश विशेषाधिकार हनन एवं अवमानना प्रस्ताव से संबंधित जानकारी दें।'' उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के बारे में पहले भी जवाब मांगे गए लेकिन उन्हें मुहैया नहीं कराया गया। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की चीजें ''अस्वीकार्य और असंवैधानिक हैं।''
पत्र में उन्होंने लिखा, ''यह भी निर्देश दिया जाता है कि पहले की कार्यवाही का मांगा गया ब्यौरा भी इस कार्यालय को जल्द से जल्द मुहैया कराया जाए...।'' चटर्जी ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा, '' राज्यपाल लगातार विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह रोजमर्रा का सिलसिला बन गया है। हमारे राज्य में लोकतंत्र अच्छी तरह से स्थापित है। विधानसभा की कार्यवाही का नेतृत्व अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। विधानसभा के नियमों के अनुसार हमने धारा 169 के तहत बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के खिलाफ प्रस्ताव पेश कर उसे पारित किया। राज्यपाल को यह पता होना चाहिए।''
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने का विरोध किया गया। एक दिन बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारियों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा को कथित तौर पर कमतर करने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया गया।
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