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पश्चिम बंगाल
ईडी ने 'नगरपालिका घोटाले' के जरिए शील के जुटाए अतिरिक्त 28 करोड़ रुपये का पता लगाया
Rani Sahu
10 April 2023 12:55 PM GMT

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कोलकाता, (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी पश्चिम बंगाल में विभिन्न नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की भर्ती के लिए कथित घोटाले में निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयान शील द्वारा जुटाए अतिरिक्त 28 करोड़ रुपये के स्रोतों का पता लगाया है। सूत्रों के मुताबिक, यह राशि 12 करोड़ रुपये की पिछली राशि के अलावा है, जिसे ईडी अधिकारियों ने कोलकाता के बाहरी इलाके उत्तरी साल्ट लेक स्थित शील के आवास पर छापे और तलाशी अभियान के दौरान बरामद हार्ड डिस्क में से एक को डिकोड करने के बाद ट्रैक किया था।
सूत्रों ने कहा कि अब तक ईडी शील द्वारा इन नगरपालिकाओं के भर्ती अनियमितताओं घोटाले से एकत्र किए गए 40 करोड़ रुपये को ट्रैक करने में सक्षम था। हालांकि, केंद्रीय एजेंसी को संदेह है कि आने वाले दिनों में यह राशि बहुत अधिक हो सकती है।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान शील ने दावा किया कि वह संभावित उम्मीदवारों से कमीशन के रूप में उनके द्वारा एकत्र की गई राशि का लगभग 20 प्रतिशत ही प्राप्त करता था और शेष राशि प्रशासनिक ढांचे में प्रभावशाली लोगों को दे दी जाती थी।
ईडी के अधिकारी प्रशासनिक तंत्र में शामिल इन प्रभावशाली लोगों के नाम जानने की प्रक्रिया में हैं।
केंद्रीय एजेंसी के एक सूत्र ने कहा, "उन्होंने कुछ नामों को पहले ही कबूल कर लिया है और इस गिनती पर एक सूची भी तैयार की गई है और अगले चरण में इन प्रभावशाली व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।"
ईडी के सूत्रों ने कहा कि हालांकि यह केवल नगरपालिकाओं में की गई भर्ती में अनियमितताओं से एकत्र की गई राशि है, लेकिन केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को गिरफ्तार किए गए रियल एस्टेट प्रमोटर द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती से संबंधित घोटाले से एकत्रित आय की अंतिम गणना तक पहुंचना बाकी है।
ईडी द्वारा लगाए गए शुरुआती अनुमानों के अनुसार, शील द्वारा दो घोटालों से संयुक्त रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह किया जाएगा।
ईडी ने पहले ही नगरपालिकाओं में भर्ती में गड़बड़ी के मामले में अलग से मामला दर्ज करने का फैसला किया है। ईडी के वकील ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में दावा किया है कि राज्य में कई नगरपालिकाओं में इस तरह की अनियमितताएं की गई हैं और इस प्रक्रिया में कर्मचारियों और क्लर्को के ग्रेड में लगभग 5,000 लोगों की भर्ती कर उन्हें करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया था।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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